सांस की तकलीफे
शहर के एक्सपर्ट डॉ. राकेश जैन का कहना है कि बगैर एसी वाले स्थानों पर समय गुजारने वाले लोगों के मुकाबले एसी वाले स्थानों पर रहने वाले लोगों में सांस संबंधी या बीमारी ज्यादा पाई जाती हैं। जो लोग एसी में अधिक समय व्यतीत करते हैं, उनमें नाक बंद होना, गला सूखना या कान की तकलीफ अधिक देखने को मिली।
डिहाइड्रेशन की होती समस्या
एसी सिर्फ तापमान ही नियंत्रित नहीं करता, बल्कि आद्रता को भी नियंत्रित करता है। यह पाया गया है कि जिस कमरे में एसी चल रहा होता है। वहां शरीर जल्दी हाइड्रेट होता है। इसका कारण यह है कि एसी कमरे की आद्रता को काफ ी मात्रा में बाहर कर देता है। इसके चलते तापमान कम होता है और प्यास अधिक नहीं लगती और हम पानी कम पीते हैं। इस प्रकार हमारा शरीर हाइड्रेट होने लगता है। इसलिए एसी कमरे में मौजूद हो तो थोड़े थोड़े समय पर पानी पीकर शरीर को डिहाइड्रेट करते रहना चाहिए।
एसी सिर्फ तापमान ही नियंत्रित नहीं करता, बल्कि आद्रता को भी नियंत्रित करता है। यह पाया गया है कि जिस कमरे में एसी चल रहा होता है। वहां शरीर जल्दी हाइड्रेट होता है। इसका कारण यह है कि एसी कमरे की आद्रता को काफ ी मात्रा में बाहर कर देता है। इसके चलते तापमान कम होता है और प्यास अधिक नहीं लगती और हम पानी कम पीते हैं। इस प्रकार हमारा शरीर हाइड्रेट होने लगता है। इसलिए एसी कमरे में मौजूद हो तो थोड़े थोड़े समय पर पानी पीकर शरीर को डिहाइड्रेट करते रहना चाहिए।
होने लगता है सिर दर्द
एसी का ठीक तरह से रख-रखाव न किया जाए तो कमरे की एयर क्वालिटी खराब हो जाती है। इसका नतीजा होता है सिर दर्द। एसी के कारण शरीर की ड्रिहाइेट होने पर भी सिर दर्द की शिकायत हो सकती है ।
एसी का ठीक तरह से रख-रखाव न किया जाए तो कमरे की एयर क्वालिटी खराब हो जाती है। इसका नतीजा होता है सिर दर्द। एसी के कारण शरीर की ड्रिहाइेट होने पर भी सिर दर्द की शिकायत हो सकती है ।
त्वचा की खुश्की
स्किन एक्पपर्ट डॉ. देवेश अग्रवाल कहते हैं कि एसी वाले स्थान पर अधिक समय गुजारने पर त्वचा खुश्क होने लगती है यह समस्या तब और बढ़ जाती है जब आप इसी से निकल कर सीधे तेज धूप में जाते हैं या तेज धूप से आकर एसी चालू कर लेते हैं।
स्किन एक्पपर्ट डॉ. देवेश अग्रवाल कहते हैं कि एसी वाले स्थान पर अधिक समय गुजारने पर त्वचा खुश्क होने लगती है यह समस्या तब और बढ़ जाती है जब आप इसी से निकल कर सीधे तेज धूप में जाते हैं या तेज धूप से आकर एसी चालू कर लेते हैं।
संक्रामक रोग
डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि एयर कंडीशनिंग के प्रभाव से नाक सूख जाती है नाक के भीतर मौजूद श्लेष्मा शरीर को रोगों से बचाने का काम करती है क्योंकि यह नाक के रास्ते प्रवेश कर रहे हो रोगाणियों को रोक देती है। तब एसी के प्रभाव से श्लेष्मा सूख जाती है तो रोगाणु बेरोक- टोक के रास्ते शरीर में प्रवेश कर जाते हैं । यदि एसी की ठीक से साफ सफ ाई नहीं होती तो और भी खतरनाक हो जाती है। क्योंकि तब एसी के भीतर ही कई प्रकार के रोगाणु पनप जाते हैं। एसी चालू करने पर कमरे में फैल जाते हैं।
डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि एयर कंडीशनिंग के प्रभाव से नाक सूख जाती है नाक के भीतर मौजूद श्लेष्मा शरीर को रोगों से बचाने का काम करती है क्योंकि यह नाक के रास्ते प्रवेश कर रहे हो रोगाणियों को रोक देती है। तब एसी के प्रभाव से श्लेष्मा सूख जाती है तो रोगाणु बेरोक- टोक के रास्ते शरीर में प्रवेश कर जाते हैं । यदि एसी की ठीक से साफ सफ ाई नहीं होती तो और भी खतरनाक हो जाती है। क्योंकि तब एसी के भीतर ही कई प्रकार के रोगाणु पनप जाते हैं। एसी चालू करने पर कमरे में फैल जाते हैं।