हनुमानजी ने माता से कहा मेरे स्वामी तो भगवान श्रीराम है क्या मैं भी लगा सकता हूं। माता ने जवाब दिया बिल्कुल अगर आपको लगता है कि इस सिंदूर से आपके स्वामी का मंगल हो सकता है। तो आप जरूर लगा सकते है। फिर क्या हनुमानजी ने सिंदूर से भरी थाली को उठाई और अपने पूरे शरीर पर लगा लिया। तभी से हर मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी की मूर्ति पर सिंदूर पूरे शरीर पर चढ़ाने की प्रथा चली आ रही है।
सुहागिन स्त्रियों का गहना है मांग का सिंदूर
बड़े-बुजुर्ग बताते है सुहागिन स्त्रियों के लिए सिंदूर मांग का गहना होता है। यह जहां पति के लिए मंगलदायी माना जाता है। वहीं इसको लगाने के बाद महिलाओं के सौंदर्य में भी निखार आ जाता है। कहते है मांग में सिंदूर सजाना एक वैवाहिक संस्कार भी है। शरीर-रचना विज्ञान के अनुसार सौभाग्यवती स्त्रियां मांग में जिस स्थान पर सिंदूर सजाती हैं। वह स्थान ब्रह्मरंध्र और अहिम नामक मर्मस्थल के ठीक ऊपर है। स्त्रियों का यह मर्मस्थल अत्यंत कोमल होता है। इसकी सुरक्षा के निमित्त स्त्रियां यहां पर सिंदूर लगाती हैं।
बड़े-बुजुर्ग बताते है सुहागिन स्त्रियों के लिए सिंदूर मांग का गहना होता है। यह जहां पति के लिए मंगलदायी माना जाता है। वहीं इसको लगाने के बाद महिलाओं के सौंदर्य में भी निखार आ जाता है। कहते है मांग में सिंदूर सजाना एक वैवाहिक संस्कार भी है। शरीर-रचना विज्ञान के अनुसार सौभाग्यवती स्त्रियां मांग में जिस स्थान पर सिंदूर सजाती हैं। वह स्थान ब्रह्मरंध्र और अहिम नामक मर्मस्थल के ठीक ऊपर है। स्त्रियों का यह मर्मस्थल अत्यंत कोमल होता है। इसकी सुरक्षा के निमित्त स्त्रियां यहां पर सिंदूर लगाती हैं।