पशु चिकित्सकों का कहना है कि गाय द्वारा एक साल दो बछड़े दजना सामान्य बात है। लेकिन आठ दिन के अंदर में दूसरे स्वच्छ बछड़ों को जन्म देना किसी आश्चर्य से कम नहीं। चिकित्सों का कहना है कि यदि गाय के गर्भ में दो बछड़े पल रहे हो ओर २४ घंटे के अंदर दूसरी डिलेवरी न हो तो बच्चे का जिंदा रहना संभव नहीं हैं। वह संक्रमण के कारण् गर्भ में ही मर जाता है। लेकिन बगहा गौशाला में हुई घटना वाकई में कुदरत का करिश्मा है।
गौशाल में गाय द्वारा आठवे दिन दूसरे बछड़े के जन्म की जानकारी लगते ही गौशाला प्रबंधन के अधिकारी कर्मचारी बजरंग दल एवं शहर के लोगों की भीड़ गौशाला में जमा हो गई। लोगों ने इसे भगवान की कृपा मानते हुए गाय एवं बछड़ों की आरती उतारकर जन्म की खुशी मनाई।
गौशाल में गाय द्वारा आठवे दिन दूसरे बछड़े के जन्म की जानकारी लगते ही गौशाला प्रबंधन के अधिकारी कर्मचारी बजरंग दल एवं शहर के लोगों की भीड़ गौशाला में जमा हो गई। लोगों ने इसे भगवान की कृपा मानते हुए गाय एवं बछड़ों की आरती उतारकर जन्म की खुशी मनाई।
गौशाला के व्यवस्थापक राजबहादुर मिश्रा ने बताया की गाय ने आठ दिन पहले एक बछड़े को जन्म दिया था। लेकिन बुधवार की सुबह एक फिर से उसे प्रसव पीड़ा हुई तो वह जमीन में लोटने लगी। किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए उन्होंने तुरंत पशु चिकित्सकों को इसकी सूचना देते हुए मौके पर बुलाया। गौ शाला पहुंचे चिकित्सक बृहस्पति भारती ने गाय की डिलेवरी कराई लेकिन जब उन्हें यह जानकारी हुई की आट दिन में गाय की यह दूसरी डिलेवरी है तो डाक्टर भी आश्चर्य में पड़ गए।
वर्जन
किसी की पशु का जुड़वा बच्चों को जन्म देना सामान्य बात है। लेकिन आठ दिन बाद दूसरी डिलेवरी होना और बछड़ा स्वस्थ्य पैदा होना आश्चर्य जनक बात हैं। एेसा क्यो हुआ यह पशु चिकित्सा विज्ञान के परे है। इसे हम प्रकृति का करिश्मा ही कह सकते हैं।
किसी की पशु का जुड़वा बच्चों को जन्म देना सामान्य बात है। लेकिन आठ दिन बाद दूसरी डिलेवरी होना और बछड़ा स्वस्थ्य पैदा होना आश्चर्य जनक बात हैं। एेसा क्यो हुआ यह पशु चिकित्सा विज्ञान के परे है। इसे हम प्रकृति का करिश्मा ही कह सकते हैं।
डा. बृहस्पति भारती, सर्जन पशु जिला चिकित्सालय