दो नालों के बीच बसी इस बस्ती को निगम प्रशासन ने अवैध बताते हुए पल्ला झाड़ लिया है। निगम के कॉलोनी में पानी की व्यवस्था करने से इनकार करने के बाद रहवासियों को जब किसी भी चौखट से मदद नहीं मिली तो उन्होंने प्यास बुझाने के लिए घर के आंगन और द्वार पर कुएं खोदना शुरू किया। खोदे गए इन 10 से 15 फीट गहरे इन कच्चे कुओं में नाले का गंदा पानी रिस कर आता है। इसी पानी से बस्ती के लोगों का गुजर-बसर हो रहा है। हालांकि इससे उनकी सेहत भी खराब हो रही है। गंदा पानी पीने से कई लोग गंभीर बीमारी की जद में हैं।
इस बस्ती के लोगों ने पुलिया बनवाकर भी नजीर पेश की है। वार्ड की सरोज गुप्ता और जय शुक्ला ने बताया कि पहुंच मार्ग की हालत पगडंडी से भी खराब है। पुलिया नहीं होने के कारण भी परेशानी होती थी। निगम प्रशासन से मदद मांगी पर सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में लोगों ने आपस में चंदा कर एक हफ्ते की कड़ी मेहनत में पुलिया बना डाला।
यह निगम प्रशासन की लापरवाही है। मैं दुर्गाबस्ती जाकर वहां के लोगों से मुलाकात करूंगी। बस्ती वैध हो या अवैध, किसी को पानी से वंचित नहीं
किया जा सकता।
ममता पाण्डेय, महापौर सतना
शंकरलाल तिवारी, विधायक सतना ऐसी है बस्ती
– आबादी-500
– कुएं- 100
– मकान- 250 से अधिक