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मध्यप्रदेश के सतना जिले में स्वाइन फ्लू के बाद इन्फ्लूएंजा-बी वायरस का अटैक, महिला की मौत

locationसतनाPublished: Aug 17, 2019 11:32:51 am

Submitted by:

suresh mishra

सतना के महिला की जबलपुर में मौत

Influenza virus 1 death: how does influenza attack the body

Influenza virus 1 death: how does influenza attack the body

सतना। स्वाइन फ्लू ( Swine flu ) के बाद अब इन्फ्लूएंजा के वायरस ( Influenza virus ) ने अटैक कर दिया है। इन्फ्लूएंजा बी वायरस ( Influenza b virus ) से पीडि़त सोहावल के करसरा निवासी महिला को गंभीर हालत में जबलपुर मेडिकल कॉलेज ( Jabalpur Medical College ) में भर्ती कराया गया था, जहां उसने दम तोड़ दिया। पांच दिन के अंदर फ्लू से दूसरी मौत ने स्वास्थ्य महकमे के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है। पेरीफेरी के स्वास्थ्य अधिकारियों को महिला के संपर्क में आए लोगों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
सोहावल विकासखंड के करसरा गांव निवासी साधना सोनी (38) को पंद्रह दिनों से सर्दी-जुकाम था। परिजनों ने गांव में इलाज कराया पर आराम नहीं मिला। तबीयत जब ज्यादा खराब हुई तो सतना निजी क्लीनिक लेकर पहुंचे। चिकित्सक ने स्क्रीनिंग के दौरान महिला में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए। परिजनों जिला अस्पताल या जबलपुर में इलाज कराने का परामर्श दिया।
इस पर परिजन महिला को 12 अगस्त को मेडिकल कॉलेज जबलपुर लेकर पहुंचे। वहां चिकित्सकों ने स्वाइन फ्लू के लक्षण सामने आते ही भर्ती कर इलाज आरंभ किया। पीडि़ता का स्वाब प्रयोगशाला जांच को भेजा। जांच रिपोर्ट में पीडि़ता को इन्फ्लूएंजा वायरस से पीडि़त होने की पुष्टि हुई। तब तक हालत नाजुक हो चुकी थी। इलाज के बाद भी आराम नहीं मिल रहा था। 15 अगस्त को उसने दम तोड़ दिया।
मौत के बाद भी नहीं जागे जिम्मेदार, बिना सुरक्षा दे रहे इलाज
फ्लू से दो मौत के बाद भी स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार नहीं चेते हैं। जिला अस्पताल मेडिसिन विभाग की ओपीडी में इन दिनों सबसे ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इनमें सर्वाधिक सर्दी-जुकाम और बुखार पीडि़त हैं। इसके बाद भी चिकित्सकों सहित स्टाफ द्वारा एहतियात नहीं बरती जा रही है। चिकित्सक ओपीडी समय में मॉस्क नहीं पहनते हैं। जबकि संचालनालय स्वास्थ्य सेवा ने भी सर्दी-जुकाम पीडि़तों की स्क्रीनिंग के दौरान चिकित्सकों सहित स्टाफ को विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। प्रंबधन को संक्रमण से बचाव के लिए मास्क उपलब्ध कराने निर्देशित किया गया है। लेकिन निर्देशों को दरकिनाकर कर दिया गया है।
स्क्रीनिंग के लिए नहीं बनाया गया अलग कक्ष
संचालनालय ने संक्रमण फैलने के खतरे के चलते सर्दी-जुकाम पीडि़तों की स्क्रीनिंग ओपीडी की बजाय अलग कक्ष में करने के निर्देश दिए हैं। सर्दी-जुकाम पीडि़तों का नाम, पता और मोबाइल नंबर भी ओपीडी रजिस्टर में दर्ज करने निर्देश दिए हैं। प्रबंधन द्वारा अलग सर्दी-जुकाम पीडि़तों की स्क्रीनिंग करने अलग कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ओपीडी में अन्य मरीजों के साथ ही स्क्रीनिंग की जा रही है। इससे अन्य मरीजों के भी संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है।
बीमारी के लक्षण…
थकान महसूस होती है, गले में कफ का जमाव, निगलने में दिक्कत, कमजोरी, थोड़ा चलने पर या कोई कार्य करने पर चक्कर, ठंड लगना, बुखार आना, बुखार तेज या कम हो सकता है। बुखार 100 से 103 डिग्री तक हो सकता है। लेकिन संक्रमण अधिक होने पर बुखार 106 डिग्री तक पहुंच जाता है। सांस लेने में परेशानी, त्वचा नीली पडऩा, मांसपेशियों और सिरदर्द इसके प्रमुख लक्षण हैं। ऐसी कोई भी तकलीफ होने पर घबराएं नहीं। सर्दी-जुकाम को हल्के में न लें बल्कि चिकित्सक से परामर्श लें।
स्टाफ हो चुका है प्रभावित
ओपीडी में स्क्रीनिंग के दौरान बरती गई लापरवाही के चलते मेडिसिन विभाग के दो विशेषज्ञ चिकित्सक सहित कर्मचारी स्वाइन फ्लू का शिकार हो गया थे। संक्रमण काल के दौरान विशेषज्ञ चिकित्सकों के बीमार हो जाने के बाद चिकित्सा व्यवस्था भी लड़खड़ा गई थी। पीडि़तों को इलाज के लिए भटकाव झेलना पड़ा था।
क्या है इन्फ्लुएंजा
इन्फ्लुएंजा एक वायरस है जो हमारे श्वसन तंत्र का संक्रामक रोग है। जिसे फ्लू भी कहते हैं। फ्लू तीन प्रकार का होता है। ए, बी और सी। ए और बी इन्फ्लुएंजा का कारण बनता है। इन्फ्लुएंजा वायरस नाक, आंख और मुंह द्वारा प्रवेश करता है। एक से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने या संपर्क में रहने से फैल जाता है। घर का एक सदस्य इस संक्रमण का शिकार है तो दूसरे भी प्रभावित हो जाते हैं।
सर्दी-जुकाम पीडि़तों का आंकड़ा 400 पार…
जिला अस्पताल ओपीडी में इन दिनों रोजाना डेढ़ से दो हजार मरीज पहुंच रहे हैं। मेडिसिन विभाग की ओपीडी में पांच सैकड़ा से अधिक पीडि़त रोजाना पहुंच रहे हैं। इनमें चार सैकड़ा से अधिक सर्दी-जुकाम के पीडि़त हैं।
पांच दिन में दूसरी मौत
जिले में फ्लू से पांच दिन के अंदर यह दूसरी मौत है। इससे पहले नागौद के पतवारा गांव निवासी जित्तु कुशवाहा ने मेडिकल कॉलेज जबलपुर में 11 अगस्त को दम तोड़ दिया था।
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