उधर, हालात संभालने के लिए एसडीएम बलबीर रमन, सीएससी वीडी पाण्डेय सहित तीन थाने के टीआई व पुलिस बल अस्पताल पहुंचा। महापौर ममता पाण्डेय, पूर्व विधायक रामप्रताप सिंह सहित कई नेता भी पहुंचे और परिजनों को समझाइश दी। इसके बाद परिजन ने सिविल सर्जन को मामले की जांच कराने व चिकित्सक-नर्स के खिलाफ कार्रवाई करने का आवेदन दिया। सीएस ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की है। टीम को जांच प्रतिवेदन देने के लिए तीन दिन का समय दिया है।
मलेरिया व टायफाइड की शिकायत उचेहरा के लगरगवां निवासी रेखा सिंह पति योगेंद्र को मलेरिया व टायफाइड की शिकायत पर मंगलवार की शाम करीब ४ बजे जिला अस्पताल लाया गया। हालत गंभीर होने पर डॉक्टर आएन सोनी ने महिला को आईसीयू में भर्ती कर इंजेक्शन, दवा लिखी। अस्पताल में इलाज शुरू होने के करीब एक घंटे बाद महिला ने दम तोड़ दिया। इसके बाद लोगों ने हंगामा कर दिया जो रात ९ बजे शांत हुआ। उनका आरोप है, आईसीयू में तैनात नर्स ने एक के बाद एक चार इंजेक्शन लगाए, इससे मौत हो गई।
३ सदस्यीय जांच कमेटी गठित
मौत के बाद आक्रोशित परिजन की मांग पर सिविल सर्जन डॉ. एसबी सिंह ने मेडीसिन विशेषज्ञ डॉ. नारेंद्र शर्मा, सर्जिकल विशेषज्ञ डॉ. बीएल पटेल व डॉ. अरुण त्रिवेदी को शामिल कर जांच कमेटी बनाई है। कमेटी इलाज में लापरवाही के आरोपों की पड़ताल कर तीन दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
जाली हटाकर नर्स को निकाला बाहर
महिला की मौत के बाद परिजन का गुस्सा देख नर्स दीपिका ने खुद को बाथरूम में बंद कर लिया। दहशत में आई नर्स ने तीन घंटे तक बाथरूम का दरवाजा नहीं खोला। चिकित्सक व अन्य लोग उसे बाहर आने को कहते रहे लेकिन उसने दरवाजा नहीं खोला। बाद में बाथरूम के ऊपर लगी जाली को हटाकर अस्पताल प्रबंधन ने उसको बाहर निकाला।
आईसीयू में भर्ती मलेरिया-टायफाइड से पीडि़त महिला की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर व नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। मामले की जांच के लिए ३ वरिष्ठ चिकित्सकों की कमेटी बनाई है, जो तीन दिन के अंदर रिपोर्ट देगी।
डॉ. एसबी सिंह, सिविल सर्जन