आत्मविश्वास को जगाने में मददगार फास्ट आर्थराइटिस, अस्थमा, उच्च रक्तचाप, हमेशा बनी रहने वाली थकान, कोलाइटिस, स्पास्टिक कोलन, इरिटेबल बॉवेल, लकवे के कई प्रकारों के साथ- साथ न्यूराल्जिया, न्यूरोसिस और कई तरह की मानसिक बीमारियों में फ ायदेमंद साबित होता है। उपवास करने वाले की श्वासोच्छवास विकार रहित होकर गहरा और बाधा रहित हो जाता है। इससे स्वाद ग्रहण करने वाली ग्रंथियां दोबारा सक्रिय होकर काम करने लगती हैं। फास्ट आपके आत्मविश्वास को इतना बढ़ा सकता है ताकि आप अपने शरीर और जीवन और क्षुधा पर अधिक नियंत्रण हासिल कर सकें।
फास्ट इस तरह से करता है काम आपके शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकाल फेंकता है। शरीर में जमा विषैले तत्व श्लेष्मा, थूक, पसीना, उल्टियां, कभी-कभी दस्त के रूप में बाहर निकलते हैं। यही वजह है कि जो लोग लंबे फास्ट तीन या सात दिन करते हैं। उनकी सांसों से दूसरे दिन ही बास आने लगती है। कई लोगों को उल्टियां आने लगती हैं, ये सब विषैले तत्वों के बाहर निकलने के लक्षण हैं। फैट सेल्स, आर्टरी में जमा वसा के थक्के, श्लेष्मा और यहां तक कि बरसों से जमा रखी हुई चिंताएं और भावनाएं भी बाहर निकल आती हैं।
इस तरह लें नो डाइट का संकल्प नो डाइट करने का सबसे सुरक्षित तरीका है एक दिन के फास्ट से शुरुआत करना। बाद में इसे हफ्ते में एक दिन नियमित रूप से किया जा सकता है। आप शुरुआत में अन्न का त्याग कर सकते हैं। ताजी सब्जियों का रस, फ ल, पानी लें सकते हैं।
यह है नो डाइट के फायदे – मानसिक स्पष्टता में वृद्धि होती है तथा मस्तिष्क का धुंधलका छंट जाता है। – तत्काल एवं सुरक्षित तरीके से वजन घटता है। – तंत्रिका तंत्र में संतुलन कायम होता है।
– ऊर्जा का स्तर बढऩे से संवेदी क्षमताओं में वृद्धि होती है। – शरीर के सभी अवयवों में ऊर्जा का संचार होता है। – सेल्युलर बायोकेमेस्ट्री में संतुलन कायम होता है। – त्वचा संवेदनशीलए नर्म और रेशमी हो जाती है।
आपके हाथ- पैरों का संचालन सरलता से होने लगता है। – पाचन तंत्र ठीक होकर सुचारु रूप से काम करने लगता है। – आंतों में भोजन से रस सोखने की क्रिया में वृद्धि होती है।