सतना. धन ही नहीं मन की भी सेहत सुधारता है योग। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शुक्रवार को व्यंकट 1 स्कूल में बच्चों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने योग भी किया। स्वस्थ शरीर की महत्ता से कोई इंकार नही कर सकता, लेकिन पुष्ट शरीर में घायल या अशांत मन का वास हो तो स्थिति भयावह भी हो सकती है। आधुनिक जीवन शैली में हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले क्रियाकलापों की लंबी फेहरिस्त है और इसी नुकसान से बचने के लिए योग की लोकप्रियता बढ़ी है। यह अलग बात है कि इस दौरान ज्यादातर लोगों ने शरीरिक स्वास्थ्य से जुडे योग आसनों पर ही फोकस किया। मन के इलाज को उतनी तरजीह नही दी। हम यह भी भूल गए कि मन खराब होने पर तन का स्वास्थ्य भी ज्यादा दिन तक नही टिकने वाला। हमारे जीवन में बहुत कुछ ऐसा हो रहा है जिससे हमारा मन आहत है। ऐसे में योग साधना जरूरी है। इसलिए सभी को मन का योग करने का संकल्प लेना चाहिए।
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