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जन आशीर्वाद यात्रा: मौखिक आदेश पर PWD ने 20 लाख में 8 हेलीपैड ठेकेदारों से बनवाया, अब अटका भुगतान

locationसतनाPublished: Aug 29, 2018 12:09:46 pm

Submitted by:

suresh mishra

लोक निर्माण विभाग ने ठेकेदारों से बनवाया, अटका भुगतान

jan ashirwad yatra: PWD has made 8 helipads in 20 lakhs

jan ashirwad yatra: PWD has made 8 helipads in 20 lakhs

सुखेंद्र मिश्र @ सतना। मुख्यमंत्री की जन आशीर्वाद यात्रा के लिए सतना जिले में ब्लॉक स्तर पर 8 हेलीपैड का निर्माण कराना पड़ा। निर्माण में करीब 20 लाख रुपए की राशि खर्च की गई। कलेक्टर के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग द्वारा बिना टेंडर ही ठेकेदारों से आनन-फानन में बनवाए गए हेलीपैड का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया। अब भुगतान कैसे और किस मद से किया जाए? इसके लिए कार्यपालन यंत्री ने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर दिशा निर्देश मांगे हैं।
एक हेलीपैड 2.50 लाख का
लोक निर्माण विभाग के सूत्रों ने बताया, शासन के आदेश पर आनन-फानन में अधिकारियों की गुडविल पर दो दिन में 8 हेलीपैड का निर्माण कराया गया। कांक्रीट से प्लास्टर कर 25 वर्गफीट में बनाए गए एक हेलीपैड के निर्माण में लगभग 2.50 लाख रुपए खर्च हुए। कुल आठ हेलीपैड में 20 रुपए खर्च किए गए। बिना टेंडर मौखिक आदेश पर बनाए गए इस आठों हेलीपैड का भुगतान पाने के लिए एक माह से ठेकेदार विभाग के चक्कर लगा रहे हैं।
यहां बने हेलीपैड
मैहर, रामनगर, अमरपाटन, रामपुर, बिरसिंहपुर, मझगवां,नागौद तथा उचेहरा नगर पंचायत में हेलीपैड का निर्माण कराया गया। हालांकि यात्रा के दौरान एक भी हेलीपैड का उपयोग नहीं हुआ।

इधर, ग्वालियर खण्डपीड में जनहित याचिका दायर
उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीड ने शासन को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा पर रोक लगा दी जाए। यह नोटिस उच्च न्यायालय में प्रस्तुत एक जनहित याचिका पर जारी किया गया है। याचिका में आरोप लगाया गया कि यात्रा के दौरान विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा के पक्ष में प्रचार कर किया जा रहा है। सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। न्यायालय ने 25 सितंबर तक शासन को जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। याचिका में सतना में आयोजित जन आशीर्वाद यात्रा का उदाहरण दिया गया है।
जन आशीर्वाद यात्रा के लिए जिले में छह-सात नग हेलीपैड बनवाए गए थे। इसके लिए हमें शासन से कोई बजट नहीं मिला था। इसलिए, इधर-उधर से गिट्टी-सीमेंट का प्रबंध कर ठेकेदारों से निर्माण कराना पड़ा। जो राशि खर्च हुई है, उसे विभाग के मेंटीनेंस फंड में समायोजित कर ठेकेदारों को भुगतान किया जाएगा।
एचएल वर्मा, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, सतना
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