उल्लेखनीय है कि मंगलवार को चालू प्लांट में साइक्लॉन सफाई का काम चल रहा था। दस से ज्यादा श्रमिकों को लगाया गया था। शाम चार बजे एक श्रमिक ने हवा का प्रेशर मारा, ताकि डस्ट बाहर हो जाए। इसके बाद अचानक जोरदार आवाज के साथ धमाका हुआ और प्री-हीटर ब्लास्ट हो गया। इससे गर्म क्लिंकर की डस्ट काम कर रहे श्रमिकों के ऊपर आ गिरी। इसके चलते देवेंद्र सिंह, हेमराज सिंह, कमलेंद्र सिंह, केपी विश्वकर्मा, मोतीलाल सिंह, साजन सिंह, सूरत राम नामक श्रमिक घायल हो गए। साजन सिंह, सूरत राम गंभीर रूप से झुलस गए हैं। उनका उपचार बिरला अस्पताल में चल रहा है। इन्हीं को लेकर मांग है कि कंपनी स्थाई कर्मचारी के रूप में रखे, लेकिन, कंपनी प्रबंधन इस पर तैयार नहीं है। उनका कहना है कि इलाज व सहायता को तैयार हैं, लेकिन कंपनी नियम के विपरीत नहीं जा सकते।
11 बजे से प्लांट बंद
सुबह 8 बजे ड्यूटी शिफ्ट के दौरान कर्मचारी हादसे को लेकर नाराज हो गए। उसके बाद प्रबंधन से बात करने की बात आई। कंपनी सीईओ बीके शर्मा व ज्वॉइंट प्रेसीडेंट बीएन झा की उपस्थिति में बैठक भी चालू हुई लेकिन जैसे ही स्थाईकरण की मांग को प्रबंधन ने खारिज किया कर्मचारी नाराज हो गए। उसके बाद वे करीब 11 बजे सीएसआर ऑफिस के सामने पहुंचे। शाम 4 बजे तक नारेबाजी करते रहे। इस तरह 11 बजे के प्लांट बंद हो गया।
सुबह 8 बजे ड्यूटी शिफ्ट के दौरान कर्मचारी हादसे को लेकर नाराज हो गए। उसके बाद प्रबंधन से बात करने की बात आई। कंपनी सीईओ बीके शर्मा व ज्वॉइंट प्रेसीडेंट बीएन झा की उपस्थिति में बैठक भी चालू हुई लेकिन जैसे ही स्थाईकरण की मांग को प्रबंधन ने खारिज किया कर्मचारी नाराज हो गए। उसके बाद वे करीब 11 बजे सीएसआर ऑफिस के सामने पहुंचे। शाम 4 बजे तक नारेबाजी करते रहे। इस तरह 11 बजे के प्लांट बंद हो गया।
सुरक्षा में गंभीर चूक…
साजन सिंह, सूरत राम गंभीर रूप से झुलसे हैं। साजन 70 फीसदी व सूरत राम 40 फीसदी झुलस चुके हैं। मामले में कंपनी की गंभीर लापरवाही सामने आई है। चालू प्लांट में साइक्लॉन की सफाई सुरक्षा मापदंड के विपरीत थी। माना जा रहा कि इंडस्ट्रीज एंड हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम भी जांच करने कंपनी पहुंचने वाली है। आगामी दो से तीन दिन में दौरा कर खामियों का आकलन करेगी।
साजन सिंह, सूरत राम गंभीर रूप से झुलसे हैं। साजन 70 फीसदी व सूरत राम 40 फीसदी झुलस चुके हैं। मामले में कंपनी की गंभीर लापरवाही सामने आई है। चालू प्लांट में साइक्लॉन की सफाई सुरक्षा मापदंड के विपरीत थी। माना जा रहा कि इंडस्ट्रीज एंड हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम भी जांच करने कंपनी पहुंचने वाली है। आगामी दो से तीन दिन में दौरा कर खामियों का आकलन करेगी।
प्रबंधन के सामने चुनौतियां
जेपी भिलाई बाबूपुर के प्रबंधन के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। विगत कई साल से प्लांट घाटे में चल रहा है। ऐसे में कर्मचारियों की नाराजगी ज्यादा दिन तक चलती है और प्लांट ठप रहता है तो नुकसान बड़े पैमाने पर होने की संभावना है। ऐसे में प्रबंधन के सामने कोई भी ठोस निर्णय लेने के लिए बड़ी चुनौती है। प्रबंधन से जुड़े लोगों का कहना है कि कंपनी नियम के विपरीत स्थाई किया जाता है, तो बाद में उदाहरण के रूप में हर मामले में प्रस्तुत किया जाएगा। कंपनी नियम के तहत ही चलेगी। लिहाजा कंपनी प्रबंधन की अपनी मजबूरी है।
जेपी भिलाई बाबूपुर के प्रबंधन के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। विगत कई साल से प्लांट घाटे में चल रहा है। ऐसे में कर्मचारियों की नाराजगी ज्यादा दिन तक चलती है और प्लांट ठप रहता है तो नुकसान बड़े पैमाने पर होने की संभावना है। ऐसे में प्रबंधन के सामने कोई भी ठोस निर्णय लेने के लिए बड़ी चुनौती है। प्रबंधन से जुड़े लोगों का कहना है कि कंपनी नियम के विपरीत स्थाई किया जाता है, तो बाद में उदाहरण के रूप में हर मामले में प्रस्तुत किया जाएगा। कंपनी नियम के तहत ही चलेगी। लिहाजा कंपनी प्रबंधन की अपनी मजबूरी है।