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अगर रात में बार-बार नींद खुलती है जान लें ये है कालसर्प दोष, यहां पढ़ें मुक्ति के उपाय

locationसतनाPublished: Sep 24, 2018 04:53:44 pm

Submitted by:

suresh mishra

अगर रात में बार-बार नींद खुलती है जान लें ये है कालसर्प दोष, यहां पढ़ें मुक्ति के उपाय

kaal sarp dosh kya hai in hindi

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सतना। कालसर्प दोष एक ऐसा दोष है जो जातक के पूर्व जन्म के किसी जघन्य अपराध के दंड या शाप के कारण उसकी जन्मकुंडली में बैठ जाता है। जिससे वह व्यक्ति आर्थिक व शारीरिक रूप से परेशान रहता है। यहां तक की उसे संतान संबंधी विभिन्न प्रकार के कष्ट भी सामने आ जाते है। या तो उसके घर में संतान पैदा ही नहीं होती। यदि हुई तो बहुत ही दुर्बल व बीमारी से ग्रसित रहती है। अब इस तरह की परेशानियों के बीज इंसान रोजी-रोटी के लिए भी मोहताज हो जाता है। धनाढय या फिर बड़े घर में पैदा होने के बाद भी कोई न कोई परेशानी बनी रहती है। बेवजह घन की हानि होती है। पूरा जीवन परेशानियों से घिरा रहता है।
ज्योतिषाचार्य पं. मोहनलाल द्विवेदी के अनुसार हिन्दू ज्योतिषशास्त्र में कुल नौ ग्रह बताए गए है। ये नौ ग्रह कुंडली के 12 भावों में अपनी-अपनी स्थितियों के आधार पर फल देते है। इनके अनुसार ही कुंडली में दोष व निवारण भी बताया जाता है। इन में से एक दोष में से एक है कालसर्प दोष। अगर जातक की कुंडली में 9 में से 7 ग्रह राहु-केतु के बीच में आ जाते है तो कालसर्प दोष बनता है।
ऐसे करें कालसर्प दोष की पहचान
– कालसर्प दोष से प्रभावित जातक को डराबने सपने आते है।
– अक्सर मन में डर बना रहता है।
– कोई अनहोनी की आशंका होती है।
– डर के कारण रात में कई बार नींद भी खुल जाती है।
– सपनों में अक्सर सांप दिखाई देता है।
– ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे पास कोई भूत-प्रेत खड़ा है।
– कठिन मेहनत के बावजूद कार्य अंतिम पड़व पर रूक जाना।
– घर परिवार में आए दिन विवाद होना।
– समाज में शत्रुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी होना।
– गंभीर बीमारी में इलाज के बाद भी फायदा न होना।
कालसर्प दोष के उपाय
– कालसर्प दोष होने पर भगवान शंकर की पूजा करना।
– सुबह-शाम शिवजी की आरती करना।
– पवित्र नदियों में चांदी या तांबे से बना नाग-नागिन को जोड़ा प्रवाहित करना।
– पीपल के पेड़ की शनिवार को पूजा करना।
– पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करना।
– गरीबों को काले कलर के कंबल दान करना।
– उज्जैन या नासिक में कालसर्प दोष की पूजा करवाना।
– वैसे ये पूजा जहां-जहां कुंभ पड़ता है वहां-वहां हो सकती है।
– जैसे इलाहाबाद, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक।
– हालांकि कालसर्प दोष की पूजा उज्जैन या नासिक में ज्यादा प्रचलित।
कालसर्प दोष के प्रकार
– अनंत कालसर्प योग
– कुलिक कालसर्प योग
– वासुकी कालसर्प योग
– शंखपाल कालसर्प योग
– पद्म कालसर्प योग
– महापद्म कालसर्प योग
– तक्षक कालसर्प योग
– कर्कोटक कालसर्प योग
– शंखनाद कालसर्प योग
– पातक कालसर्प योग
– विषाक्तर कालसर्प योग
– शेषनाग कालसर्प योग

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