मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सतना में हुई जन-आशीर्वाद यात्रा में स्कूलों की छुट्टी कर बच्चों की पढ़ाई बंद करवाई। फिर उन्हें स्वागत के लिए घंटों खड़े रखने और जबरन चुनावी सभा में ले जाने पर प्रकरण दर्ज कर सख्त कदम उठाने का आग्रह किया है। नेता प्रतिपक्ष द्वारा अध्यक्ष राज्य मानव अधिकार आयोग और अध्यक्ष बाल संरक्षण आयोग को पत्र लिखने के बाद प्रदेशभर में हड़कंप मच गया।
ये है मामला
अजय सिंह ने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री 18 जुलाई को सतना में जन-आशीर्वाद यात्रा में शामिल हुए। इस दौरान मैहर में उनके स्वागत के लिए बच्चों को सड़क पर घंटों खड़ा किया गया। यही नहीं उनकी सभा में भीड़ बढ़ाने के लिए बच्चों को स्कूली ड्रेस में ले जाया गया। जिसके छायाचित्र सभी समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए हैं। पत्र में आयोग को बताया 3 फरवरी 2017 को छिंदवाड़ा और इंदौर में भी एक सरकारी कार्यक्रम में भीड़ बढ़ाने के लिए बच्चों के स्कूल की छुट्टी करके ले जाया गया था, तब हाईकोर्ट ने अपने तल्ख टिप्पणी के साथ राज्य सरकार को दिशा-निर्देश जारी किए थे। इन दिशा-निदेर्शों की सतना जिला प्रशासन ने अवमानना की।
अजय सिंह ने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री 18 जुलाई को सतना में जन-आशीर्वाद यात्रा में शामिल हुए। इस दौरान मैहर में उनके स्वागत के लिए बच्चों को सड़क पर घंटों खड़ा किया गया। यही नहीं उनकी सभा में भीड़ बढ़ाने के लिए बच्चों को स्कूली ड्रेस में ले जाया गया। जिसके छायाचित्र सभी समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए हैं। पत्र में आयोग को बताया 3 फरवरी 2017 को छिंदवाड़ा और इंदौर में भी एक सरकारी कार्यक्रम में भीड़ बढ़ाने के लिए बच्चों के स्कूल की छुट्टी करके ले जाया गया था, तब हाईकोर्ट ने अपने तल्ख टिप्पणी के साथ राज्य सरकार को दिशा-निर्देश जारी किए थे। इन दिशा-निदेर्शों की सतना जिला प्रशासन ने अवमानना की।
आयोजन पूरी तरह चुनावी और राजनीतिक
सबसे गंभीर बात यह है कि यह आयोजन पूरी तरह चुनावी और राजनीतिक था। उससे भी गंभीर यह है कि इस अवमानना में मुख्यमंत्री भी शामिल है जिन पर कानून के साथ माननीय न्यायालयों द्वारा दिए गए आदेश निदेर्शों के पालन की जिम्मेदारी है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने पत्र में लिखा यह प्रकरण अत्यंत गंभीर है। बच्चों की पढ़ाई को अवरोधित करने और उनकी राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उपयोग करना वह भी राज्य के मुखिया द्वारा। कहा कि आयोग को इस मामले को संज्ञान में लेकर तत्काल सतना जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर सख्त कार्यवाही की जाना चाहिए।
सबसे गंभीर बात यह है कि यह आयोजन पूरी तरह चुनावी और राजनीतिक था। उससे भी गंभीर यह है कि इस अवमानना में मुख्यमंत्री भी शामिल है जिन पर कानून के साथ माननीय न्यायालयों द्वारा दिए गए आदेश निदेर्शों के पालन की जिम्मेदारी है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने पत्र में लिखा यह प्रकरण अत्यंत गंभीर है। बच्चों की पढ़ाई को अवरोधित करने और उनकी राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उपयोग करना वह भी राज्य के मुखिया द्वारा। कहा कि आयोग को इस मामले को संज्ञान में लेकर तत्काल सतना जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर सख्त कार्यवाही की जाना चाहिए।