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लाकडाउन ने बदल दी सतना के सरोवरों की काया

locationसतनाPublished: May 11, 2020 11:54:36 pm

Submitted by:

Sukhendra Mishra

नगर निगम जो 10 साल में नहीं कर पाया प्रकृति ने ढेड़ माह में कर दिखाया

लाकडाउन ने बदल दी सतना के सरोवरों की काया

लाकडाउन ने बदल दी सतना के सरोवरों की काया

सतना. गंदगी से सराबोर शहर के तालाबों के लिए लाकडाउन वरदान साबित हुआ है।कचरे से बजबजा रहे शहर के जिन तलाबों की साफ साफाई में लाखों रूपए खर्च कर निगम प्रशासन उनके जल को स्वच्छ नहीं कर पाया। उसे लाकडाउन ने डेढ़ माह में ही संभव बना दिया है। लोग घरों में कैद हुए तो पर्यावरण प्रदूषण कम होने के साथ ही नदी एवं तालाब भी निर्माल हो गए। शहर के जिन तालाबों में एक माह पूर्व लोग हाथ धोने से कतराते थे। उनका पानी अब इतना स्वच्छ हो गया है कि लोग बिना संकोच के आचमन कर सकते है।
इतना स्वच्छ की दिखने लगा प्रतिबिंब
कचरादान में तब्दील हो चुके नारायण तालाब का पानी इतना गंदा रहता था की लोग पानी में हाथ धोने से कतराते थे। लेकिन लाकडाउन ने शहर के सबसे गंदे तालाब का पूरा कायाकल्प कर दिया है। जिस तालाब में गंदकी के कारण पानी नहीं दिखता था। उसका जल इतना स्वच्छ हो गया है की पानी के अंदर तलहटी में पड़ी वस्तु अब स्पष्ट दिखाई देती है। पानी की पवित्रता का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि तालाब में लोग अपना स्वयं का प्रतिविंब भी देख सकते हैं। एेसे बदली काया
लाकडाउन के कारण लोग घरों में कैद हुए तो उनका नदी तालाबों तक पहुंचना कम हो गया। मंदिरों के पट व धार्मिक अनुष्ठान पूजा पाठ बंद हुए तो फूल माला एवं हवन सामग्री का विसर्जन सरोवरों में रुक गया। तालाब के घाटों में कपड़े धोने एवं नहाने का काम रुका तो डेड़ माह में पानी फिल्टर होकर निर्मल दिखने लगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि पानी में सडऩे वाली सामग्री का प्रवाह न होने से उसकी गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

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