दरअसल चित्रकूट में अमावस्या के मौके पर हर साल श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता है। दूर-दूर से लोग आते हैं और कामदगिरी पर्वत की परिक्रमा करते हैं। ऐसे में गुरुवार को अमावस्या के मद्देनजर भारी तादाद में श्रद्धालु यहां पहुंच गए। इसकी जानकारी होते ही कलेक्टर ने कोरोना संक्रमण के नियत्रण के मद्देनजर एहतियातन लॉकडाउन लगा दिया।
बताया जा रहा है कि श्री राम की तपस्थली चित्रकूट में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए चित्रकूट में लॉकडाउन लगाया गया है। अमवास्य के मद्देनजर बुधवार को ही यहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा था। ऐसे में प्रशासन को आनन-फानन में लॉडाउन का फैसला लेना पड़ा। यह लॉकडाउन अब 11 जून की सुबह नौ बजे तक रहेगा।
यही नहीं, यहां आने वाली हर बस, परिवहन और निजी वाहनों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। ऐसे में उत्तर प्रदेश की सीमा में आवागमन करने वाले वाहन को चित्रकूट बाइपास की ओर मोड़ा जा रहा है। बुधवार सुबह से ही जो श्रद्धालु चित्रकूट पहुंच गए उन्हें प्रशासन ने नियमों के तहत दर्शन कराकर वापस लौटा दिया गया है। दरअसल बुधवार को कामदगिरि प्रथम मुखारविंद, प्राचीन मुखारविंद मंदिर, लक्ष्मण पहाड़ी, रामघाट इलाके में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गई थी।
जानकारों के अनुसार चित्रकूट धाम में हर अमावस्या को मेला लगता है। इस दौरान श्रद्धालु रामघाट स्थित मंदाकिनी में स्नान कर कामदगिरी पर्वत पर विराजित भगवान कामतानाथ के दर्शन करते हैं। फिर कामदगिरी पर्वत की 6 किलोमीटर लंबी परिक्रमा शुरू होती है। इसकी अलग ही मान्यता है। इस दौरान फूल, फल, प्रसाद की दुकानें, खिलौंने, अन्य संसाधनों की दुकानें भी सज जाती हैं। देश के कोने-कोने से लोग चित्रकूट में अमावस्या स्नान और कामतानाथ के दर्शन के लिए आते हैं। इसके चलते यहां दो-तीन दिन पूरा इलाका श्रद्धालुओं से गुलजार रहता है। बताया जाता है कि हर अमावस्या पर लगभग एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु चित्रकूट पहुंचते हैं जिसके लिए मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश का प्रशासन व पुलिस व्यवस्थाओं में जुटा रहता है।
कलेक्टर अजय कटेसरिया के आदेश के तहत मझगवां एसडीएम पीएस त्रिपाठी ने कामतानाथ मंदिर व कामदगिरि परिक्रमा पथ मार्ग पर नगर पंचायत और पुलिस प्रशासन के सहयोग से बैरिकेडिंग कर पुलिस बल तैनात कर दिया है। ऐसा इसलिए कि अमावस्या के मौके पर उमड़ने वाली लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। मंदिर में भगवान कामतानाथ की पूजा-पाठ पुजारी कराएंगे।