एमपी की इस स्मार्ट सिटी में टिड्डीदल का हमला
सतनाPublished: Jun 05, 2020 01:00:10 am
कृषि विभाग की टीम ने केमिकल अटैक कर 50 लाख टिड्डियों का किया सफाया
एमपी की इस स्मार्ट सिटी में टिड्डीदल का हमला
सतना. पाकिस्तान से आए टिड्डीदल ने गुरुवार की सुबह पहली बार सतना शहर में हमला बोलते हुए पेड़ों की हरियाली को निशाना बनाया। रात में विश्राम के लिए पेड़ों में उतरा टिड्डीदल सुबह होते ही कालोनियों में आतंक मचाना शुरू कर दिया। रिमझिम बारिश के चलते टिड्डीदल सुबह उड़ान नहीं भरी और वह दोपहर तक पेड़ों में ही डटे रहे। इस दौरान टिड्डियों ने पीपल, सीसम सहित कालोनियों में लगे १०० से अधिक वृक्षों की पत्तिया चट कर उन्हें ठूठ में बदल दिया। दोपहर तक शहर में टिड्डियों का आतंक जारी रहा। वहीं टिड्डीदल को शहर से खदेडऩे कृषि विभाग की टीम दो दमकल वाहनों के साथ सुबह से दोहपर मैदान में डंटी रही। दमकल वाहन से टिड्डीदल पर केमिकल अटैक करते हुए टीम ने 50 लाख से अधिक टिड्डियों को मार गिराया।
दोपहर तक टिड्डियों से लदे रहे वृक्ष
सुबह शहर के लोगों की नीद खुली तो वह पेड़ों की हालत देख दहशत में आ गए। शहर के अधिकांश पेड़ टिड्यिों से दले थे। पेड़ों में टिड्डियों के झुंड उडऩे से हरेभरे वृक्ष पीले नजर आ रहे थे। पेड़ से लेकर मैदान और छतों तक चारोओर टिड्डे ही टिड्डे नजर आ रहे थे। शहर में पहली बार टिड्डीदल पहुंचा तो उन्हें देखने लोग घरों से बाहर निकल गाए। सड़कों पर लोगों की भीड़ जुट गई । लोग छत में खड़े होकर घंटों आसमान ताकते रहे। कुछ ने टिड्डियों को पकड़ कर उसे गौर से देखा तो कुछ ने प्रवासी कीटों के साथ सेल्फी भी ली। दोपहर तक पूरे शहर में टिड्डीदल चर्चा में बना रहा।
इन कालोनियों में किया हमला
टिड्डीदल ने नईबस्ती स्थित कृषि उपज मंडी परिसर, बांधवगढ कालोनी, सासकीय आइटीआई परिसर एवं कोलगवां स्थित निगम के फिल्टर प्लांट के पेड़ों पर हमला बोला। मंडी परिसर एवं आईटीआई मैदान में लगे वृक्षों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया।
टिड्डियों से पटी मंडी की सड़के
कृषि उपज मंडी परिसर में टिड्डीदल के हमले की सूचना मिलते ही सुबह ६ बजे कृषि विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। परिसर में जिन पेड़ों पर टिड्डियों का डेरा था वह दो फायर ब्रिगेड वाहनों से कैमिकल अटैक किया गया। दवा के प्रभाव से लाखों की संख्या में टिड्यिों जमीन पर गिर गई। कैमिकल हमले में मरी टिड्डयों से मंडी परिसर की सड़के पट गई। सड़क से मृत टिड््डयों को हटाने मंडी प्रशासन को कर्मचारी लगाने पड़े। सफाई कर्मचारियों ने ट्राली में भर कर टिड्यों को ठिकाने लगाया। तक कहीं जाकर मंडी परिसर की सड़के चलने लायक हुई।