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मध्यप्रदेश का लेखा-जोखा: विधानसभा चुनाव कराने खर्च हुए 7.30 करोड़, 22 लाख का कराया भोजन

locationसतनाPublished: Mar 19, 2019 03:47:55 pm

Submitted by:

suresh mishra

परिवहन व्यवस्था में सर्वाधिक 1.35 करोड़ हुआ खर्च

Lok Sabha Elections 2019: chunav karana kyo mehnga hota hai

Lok Sabha Elections 2019: chunav karana kyo mehnga hota hai

सतना। एक चुनाव कितना महंगा पड़ता है इसको देखना हो तो आप विधानसभा चुनाव में कुल खर्च को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं। जिले में विधानसभा चुनाव कराने में आयोग के लगभग 7.30 करोड़ रुपए खर्च हो गए हैं। कुछ ऐसे भी खर्च हैं जो आयोग से नहीं लिए गए, लेकिन वह व्यय भी चुनाव के लिए ही हुआ है। इसमें विभागीय अधिकारियों द्वारा उपयोग किए गए वाहन और दौरे शामिल हैं। अब जब लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं, उसके साथ ही जिला निर्वाचन की ओर से विधानसभा चुनाव में किए गए खर्च के लंबित देयकों की मांग भी आयोग से की गई है।
भोजन व्यवस्था पर अकेले 22 लाख रुपए खर्च
जानकारी के अनुसार लगभग ढाई करोड़ रुपए की मांग की गई है। इसमें भोजन व्यवस्था पर अकेले 22 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। मतदानकर्मियों को जो मानदेय भुगतान किया गया है उसका खर्चा सर्वाधिक 1.34 करोड़ रुपये है। इसके अलावा विधानसभा चुनाव कराने के लिए जिला निर्वाचन की ओर से परिवहन और डीजल-पेट्रोल में सर्वाधिक खर्च हुआ है। 66 लाख रुपए व्यय किए गए हैं। इसमें चुनाव के लिए अधिग्रहीत की गई बसों और अन्य वाहनों का खर्च भी शामिल है।
यह खर्च कुछ ज्यादा माना जा रहा है
इन वाहनों में डीजल-पेट्रोल का खर्च 69 लाख रुपए है। इस तरह परिवहन में जिला निर्वाचन ने कुल 1.35 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। विधानसभा चुनावों में भोजन पर दिल खोल कर खर्च किया गया है। इसमें एफएलसी से लेकर मतगणना तक खाने का खर्च दिखाया गया है। इस खर्च को अगर डेढ़ सौ रुपए थाली के हिसाब से भी माना जाए तो लगभग 15 हजार लोगों को खाना खिलाना माना जा सकता है। इस लिहाज से यह खर्च कुछ ज्यादा माना जा रहा है।
प्रचार-प्रसार में 49 लाख
मतदाता प्रतिशत बढ़ाने की गई स्वीप गतिविधियों में लगभग 49 लाख खर्च हुए हैं। इसमें पोस्टर-बैनर, दीवार लेखन, होर्डिंग सहित अन्य प्रचार प्रसार गतिविधियों में 39 लाख रुपए, मतदाता दिवस के लिए सत्कार व्यवस्था में लगभग 9 लाख एवं परिवहन व्यवस्था में 30 हजार के लगभग राशि खर्च की गई है।
मानदेय 2.21 करोड़
चुनाव कार्य में लगे मतदान दल और बीएलओ के मानदेय का खर्च 2.21 करोड़ रुपए है। इसमें मतदान दल, माइक्रो ऑब्जर्वर, पुलिस बल सहित अन्य का 1.34 करोड़ रुपए मानदेय बना है तो बीएलओ व बीएलओ सुपरवाइजर का मानदेय 86 लाख के लगभग है। बिजली एवं पानी की व्यवस्था के लिए 17 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। आउट सोर्स में लगाए कर्मचारियों को 11 लाख के लगभग भुगतान किया गया है।
स्टेशनरी में 29 लाख
मतदाता सूची को छपवाने और प्रकाशित करने का खर्च लगभग 64 लाख रुपए आया है। इसी तरह से मतदाता फोटो परिचय पत्र में 6 लाख रुपए के लगभग खर्च किए गए हैं। स्टेशनरी व्यय में जिला निर्वाचन ने 29 लाख रुपए व्यय किए हैं। मुद्रण एवं प्रकाशन में 2 लाख रुपए के लगभग खर्च हुए हैं तो चुनाव के दौरान आवश्यक मैटेरियल एवं सामग्री में 15 लाख के लगभग खर्च किए गए हैं।
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