ये है मामला
लोकायुक्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला होमगार्ड अधिकारी केके नरौलिया के इशारे पर प्लाटून कमांडर सुरेस कुमार सोनी होमगार्ड ड्यूटी में तैनात नगर सैनिकों से पैसा वसूलता था। न देने पर रोज आना-कानी होती थी। परेशान होकर नगर सैनिक राममनोहर तिवारी नें मामले की शिकायत सागर लोकायुक्त से की। शिकायत में बताया कि जो सैनिक पैसा नहीं देता था। उन सैनिकों को अधिकारियों की प्रताडऩा का सामना करना पड़ता था। कहा कि मेरी ड्यूटी अवध बिहारी मंदिर में थी। आरोपी प्लाटून कमांडर ने पहले दो हजार रुपए की मांग की।
लोकायुक्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला होमगार्ड अधिकारी केके नरौलिया के इशारे पर प्लाटून कमांडर सुरेस कुमार सोनी होमगार्ड ड्यूटी में तैनात नगर सैनिकों से पैसा वसूलता था। न देने पर रोज आना-कानी होती थी। परेशान होकर नगर सैनिक राममनोहर तिवारी नें मामले की शिकायत सागर लोकायुक्त से की। शिकायत में बताया कि जो सैनिक पैसा नहीं देता था। उन सैनिकों को अधिकारियों की प्रताडऩा का सामना करना पड़ता था। कहा कि मेरी ड्यूटी अवध बिहारी मंदिर में थी। आरोपी प्लाटून कमांडर ने पहले दो हजार रुपए की मांग की।
फिर 2500 रुपए के लिए अड़ गया फिर 2500 रुपए के लिए अड़ गया। अब भला हम छोटे कर्मचारी रिश्वत में अपनी सैलरी दे या परिवार का पेट पाले। बताया कि रिश्वत देने का यह पहला मामला नहीं, आरोपी सभी कर्मचारियों से पैसा वसूलता है। सैनिक ने हिम्मत दिखाते हुए इसकी शिकायत सागर लोकायुक्त से की। जांच के बाद नगर सैनिक की शिकायत सही पाई गई। फिर बुधवार की दोपहर बस स्टैंड में दबिश देकर आरोपी को 2 हजार रुपए लेते रंगे हाथ पकड़ लिया गया। सागर लोकायुक्त की 4 सदस्यीय टीम ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
ये रहे टीम में शामिल
सागर लोकायुक्त ने ट्रेप की कार्रवाई निरीक्षक मंजू सिंह के नेत्रत्व में की। इस दौरान आरक्षक आशुतोष व्यास, आरक्षक अरविंद नायक, आरक्षक सुरेन्द्र प्रताप सिंह सहित दो अन्य साक्षी मौजूद रहे। जिले में अब तक कई सरकारी अफसरों की गर्दन लोकयुक्त के हत्थे चढ़ चुकी है फिर भी सरकारी नुमाइंदे रिश्वत लेने की हरकतों से बाज नहीं आ रहे है।
सागर लोकायुक्त ने ट्रेप की कार्रवाई निरीक्षक मंजू सिंह के नेत्रत्व में की। इस दौरान आरक्षक आशुतोष व्यास, आरक्षक अरविंद नायक, आरक्षक सुरेन्द्र प्रताप सिंह सहित दो अन्य साक्षी मौजूद रहे। जिले में अब तक कई सरकारी अफसरों की गर्दन लोकयुक्त के हत्थे चढ़ चुकी है फिर भी सरकारी नुमाइंदे रिश्वत लेने की हरकतों से बाज नहीं आ रहे है।