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Shardiya Navratri 2020: महानवमी पर मां शारदा के सिद्धिदात्री स्वरूप का दर्शन-पूजन करने उमड़े श्रद्धालु

locationसतनाPublished: Oct 25, 2020 08:19:15 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-कोरोना काल में भी महामारी पर आस्था भारी

शारदीय नवरात्र की महानवमी पर मां शारदा का सिद्धिदात्री स्वरूप

शारदीय नवरात्र की महानवमी पर मां शारदा का सिद्धिदात्री स्वरूप

सतना. कोरोना काल में भी महामारी पर भारी रही आस्था। मैहर के मां शारदा मंदिर में Shardiya Navratri 2020 के पहले दिन से ही श्रद्धालुओं के आने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह अंतिम दिन महा नवमी तक जारी रहा। यह सही है कि कोरोना संक्रमण के डर से पिछले सालों की तुलना में अबकी दर्शनार्थियों की तादाद अपेक्षाकृत काफी कम रही। लेकिन ये माता रानी के प्रति लोगों की अटूट आस्था ही है कि नौ दिन में लगभग साढ़े तीन लाख लोगों ने माता रानी के दर्शन-पूजन किए।
नवरात्र के अंतिम दिन महानवमी को माता के सिद्धदात्री स्वरूप का विशेष शृंगार किया गया। माता रानी के इस दिव्य स्वरूप का भक्तों ने पूरी श्रद्धा भक्ति से पूजन किया। बता दें कि नवरात्र के अंतिम दिन देवी के शक्ति स्वरूप के सिद्धिदात्री रूप के पूजन की मान्यता है। यह देवी भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं। ऋद्धि-सिद्धि की दात्री के रूप में माता के इस स्वरूप की मान्यता है। ऐसे में भोर के चार बजे से ही भक्तों की कतार लग गई थी। प्रधान पुजारी पवन महाराज ने मां की महाआरती की। इसके साथ ही माता रानी के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
पं मोहन लाल द्विवेदी के अनुसार महा नवमीं के दिन भक्त माता सिद्धिदात्रि स्वरूप की पूजा करते हैं। यह सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। मार्कंडेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लधिमा, प्राप्ति प्राकाम्य, ईशित्व और वाशित्व- ये आठ सिद्धियां होती है। ब्रह्मा वैवर्त्त पुराण के श्रीकृष्ण जन्मखंड में यह संख्या 18 बताई गई है। मां सिद्धिदात्री की सिद्धियां व इस स्वरूप की महत्ता बताते हुए पं. द्विवेदी ने बताया कि मां सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धियां प्रदान करने में समर्थ है।
देवी पुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से सिद्धियों को प्राप्त किया था। इनकी अनुकंपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण वह लोक में अर्द्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए। मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली है। इनका वाहन सिंह है। ये कमल-पुष्प पर भी आसीन होती है। इनकी दाहिनी तरफ के नीचे हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा तथा बांयी तरफ के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल-पुष्प है। नवरात्र -पूजन के नवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इस दिन शस्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले सााधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है।
तहसीलदार मानवेंद्र सिंह की मानें तो इस बार नवरात्र में लगभग साढ़े तीन लाख लोगों ने दर्शन किए। हालांकि बीते साल नवरात्र के नौ दिनों में 15 लाख लोगों ने दर्शन किए थे। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार भक्तों की संख्या कमी रही।
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