शारदीय नवरात्र के षष्ठी तिथि पर त्रिकूट पर्वत विराजमान जगत जननी मां शारदा के कात्यायनी स्वरूप के दर्शन के लिए प्रात: 4 बजे से ही भक्तों का कारवां पहुंचने लगा था। कोई लंबी व सीढी वाली कठिन राह से मां के दरबार में पहुंच रहा था तो कोई रोपवे से। भक्ति भाव से परिपूर्ण श्रद्धालुओं का जो तांता लगा कि वह शाम तक अटूट श्रृंखला के रूप में जारी रहा।
वैसे जब से नवरात्र शुरू हुआ है, जगत जननी मां शारदा के दिव्य दर्शन एवं महाआरती में शामिल होने के लिए भक्त सुबह से ही दरबार में पहुंचने लगते हैं। कुछ साधन संपन्न और कुछ असाध्य जो सीढियां नहीं चढ सकते वो रोपवे से पहुंच रहे हैं। रोपवे प्रबंधन के अनुसार इन दिनों रोजाना करीब 5-6 हजार श्रद्धालु रोरोपवे से मां के दर्शन करने जा रहे हैं।
वैसे इस शारदीय नवरात्र में मैहर वाली मां शारदा के दर्शन-पूजन को आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद कुछ ज्यादा ही दिख रही है। दरअसल वासंतिक नवरात्र में कोरोना संक्रमण के चलते मां के दरबार में लोग हाजिरी नहीं लगा पाए थे। वो कष्ट उन्हें बरबस ही खींच ला रहा है। वैसे स्थानीय लोगों का कहना है कि यह संख्या बीते साल की अपेक्षा कम है। लोग अब भी कोरोना से डरे हैं। फिर भी प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार मां शारदा देवी मंदिर में दर्शन करने वालों की तादाद 34 से 40 हजार है। इतने लोग प्रतिदिन इस शक्ति पीठ पर अपनी हाजिरी लगा रहे हैं।
शक्ति पीठ आने वाले हर भक्त की कोरोना जांच हो रही है, उसके बाद ही उन्हें मंदिर परिसर में प्रवेश मिल रहा है। मां शारदा मंदिर प्रबंधक समिति, मंदिर के मुख्य द्वार पर ही स्कैनर से श्रद्धालुओं की स्कैनिंग करा रही है। मैहर एसडीएम सुरेश अग्रवाल के अनुसार स्कैनिंग से लोगों के शरीर का तापमान की जांच करके ही लोगों को मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। इसी से लोगों की गिनती भी हो जा रही है।