चौकाने वाला तथ्य यह है कि मेडिकल कॉलेज के लिए घट रही जमीन पर अतिरिक्त आवंटन की मांग चिकित्सा शिक्षा विभाग अगस्त से कर रहा है पर जिला प्रशासन इस दिशा में गंभीर नहीं। यह स्थिति तब है जब भारत शासन ने इस परियोजना के लिए 50 करोड़ का आवंटन भी जारी कर दिया है। अब तो प्रदेश सरकार ने भी अपने हिस्से 550 करोड़ रुपए की मंजूरी हालिया कैबिनेट बैठक में दे दी है। ऐसे में जमीन आवंटन न होने से जो भी विलंब होता है उसका जिम्मेदार जिला प्रशासन को माना जा रहा है।
इधर यह है स्थिति
पीआइयू संभागीय कार्यालय की मानें तो मेडिकल कॉलेज के लिए आवंटित 37.72 एकड़ जमीन के बीच में ही एक-एक एकड़ भूमि (आराजी नंबर 132 रकबा 7.131 हैक्टेयर का अंश भाग 0.405 व 0.405 हैक्टेयर) निर्माणाधीन अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक कन्या व बालक छात्रावास के लिए आवंटित है।
पीआइयू संभागीय कार्यालय की मानें तो मेडिकल कॉलेज के लिए आवंटित 37.72 एकड़ जमीन के बीच में ही एक-एक एकड़ भूमि (आराजी नंबर 132 रकबा 7.131 हैक्टेयर का अंश भाग 0.405 व 0.405 हैक्टेयर) निर्माणाधीन अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक कन्या व बालक छात्रावास के लिए आवंटित है।
लेकिन कोई निर्णय नहीं यह निर्माण कार्य आगे चल कर मेडिकल कालेज के लिए समस्या बनेगा। इसके लिए इन छात्रावास भवनों का निर्माण कार्य बंद कर इनका हस्तांतरण आदिवासी विकास विभाग से चिकित्सा शिक्षा विभाग को करने का प्रस्ताव दिया जा चुका है। लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। मामले में न तो जिला प्रशासन गंभीर है और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधि।
जल्द प्रकाशित होगी निविदा
सतना मेडिकल कॉलेज की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) स्वीकृत हो चुकी है। भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 50 करोड़ रुपए की प्रथम किस्त जारी कर दी है। प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर कंसल्टेंट एजेंसी तय करते हुए इसका जिम्मा डीडीएफ नई दिल्ली को दिया गया है। इसकी निर्माण एजेंसी पीआइयू की संभागीय परियोजना इकाई के अनुसार डीपीआर कंसल्टेंट द्वारा प्रस्तावित नए मेडिकल कॉलेज, अस्पताल भवन सहित वर्तमान में संचालित जिला अस्पताल भवन के उन्नयन के लिए ड्राइंग, डिजाइन तथा प्रस्ताव तैयार कर परियोजना क्रियान्वयन इकाई के माध्यम से प्रस्तुत किया जा चुका है। साथ ही इन दिनों डीपीआर कन्सल्टेंट ठेका एजेंसी निर्धारण के लिए निविदा प्रकाशन करने आवश्यक बिल ऑफ क्वांटिटी (बीओक्यू) तैयार कर रहा है। जल्द ही पीआइयू द्वारा निविदा का प्रकाशन किया जाएगा।
सतना मेडिकल कॉलेज की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) स्वीकृत हो चुकी है। भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 50 करोड़ रुपए की प्रथम किस्त जारी कर दी है। प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर कंसल्टेंट एजेंसी तय करते हुए इसका जिम्मा डीडीएफ नई दिल्ली को दिया गया है। इसकी निर्माण एजेंसी पीआइयू की संभागीय परियोजना इकाई के अनुसार डीपीआर कंसल्टेंट द्वारा प्रस्तावित नए मेडिकल कॉलेज, अस्पताल भवन सहित वर्तमान में संचालित जिला अस्पताल भवन के उन्नयन के लिए ड्राइंग, डिजाइन तथा प्रस्ताव तैयार कर परियोजना क्रियान्वयन इकाई के माध्यम से प्रस्तुत किया जा चुका है। साथ ही इन दिनों डीपीआर कन्सल्टेंट ठेका एजेंसी निर्धारण के लिए निविदा प्रकाशन करने आवश्यक बिल ऑफ क्वांटिटी (बीओक्यू) तैयार कर रहा है। जल्द ही पीआइयू द्वारा निविदा का प्रकाशन किया जाएगा।
नहीं दे रहे आवंटन
मेडिकल कॉलेज स्वीकृति की प्रक्रिया के दौरान जिला प्रशासन ने आश्वस्त किया था कि अगर इसके लिए जमीन कम पड़ती है तो बगल में स्थित अन्य जमीनों का भी हस्तांतरण मेडिकल कालेज करेगा। इसके लिए बगल में स्थित 5 एकड़ की एक पौधरोपण वाली जमीन सहित उससे लगी अन्य जमीनें भी दिखाई थीं। अब मेडिकल कालेज के लिए घट रही 7.5 एकड़ जमीन के लिए अतिरिक्त आवंटन की मांग पर जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। प्रोजेक्ट में विलंब की स्थिति बन रही है।
मेडिकल कॉलेज स्वीकृति की प्रक्रिया के दौरान जिला प्रशासन ने आश्वस्त किया था कि अगर इसके लिए जमीन कम पड़ती है तो बगल में स्थित अन्य जमीनों का भी हस्तांतरण मेडिकल कालेज करेगा। इसके लिए बगल में स्थित 5 एकड़ की एक पौधरोपण वाली जमीन सहित उससे लगी अन्य जमीनें भी दिखाई थीं। अब मेडिकल कालेज के लिए घट रही 7.5 एकड़ जमीन के लिए अतिरिक्त आवंटन की मांग पर जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। प्रोजेक्ट में विलंब की स्थिति बन रही है।
दिया रिमाइंडर
कंसल्टेंट एजेंसी द्वारा अतिरिक्त 7.5 एकड़ की जमीन की आवश्यकता जताए जाने के बाद अधिष्ठाता रीवा मेडिकल कालेज ने कलेक्टर को रिमांइजर भेजते हुए पूर्व से आवंटित 37.72 एकड़ भूमि से लगी हुई 4 एकड़ तथा 3.5 एकड़ (कुल 7.5 एकड़) अतिरिक्त शासकीय भूमि शीघ्र आवंटित करने कहा है।
कंसल्टेंट एजेंसी द्वारा अतिरिक्त 7.5 एकड़ की जमीन की आवश्यकता जताए जाने के बाद अधिष्ठाता रीवा मेडिकल कालेज ने कलेक्टर को रिमांइजर भेजते हुए पूर्व से आवंटित 37.72 एकड़ भूमि से लगी हुई 4 एकड़ तथा 3.5 एकड़ (कुल 7.5 एकड़) अतिरिक्त शासकीय भूमि शीघ्र आवंटित करने कहा है।