5 जून से शुरू हुई थी परीक्षा
अवधेश प्रताप ङ्क्षसह विश्वविद्यालय की दूरवर्ती परीक्षा 5 जून से शुरू हुई। बीए प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष एवं तृतीय वर्ष की परीक्षा 29 जून तक हुई। 20 जून को राजनीति द्वितीय, भूगोल द्वितीय की परीक्षा थी। इस दौरान परीक्षार्थियों ने जमकर नकल किया। यही नहीं परीक्षार्थियों का कापी अन्य लोगों ने लिखी। प्रश्न का उत्तर खोजने में भी लोग लगे रहे।
अवधेश प्रताप ङ्क्षसह विश्वविद्यालय की दूरवर्ती परीक्षा 5 जून से शुरू हुई। बीए प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष एवं तृतीय वर्ष की परीक्षा 29 जून तक हुई। 20 जून को राजनीति द्वितीय, भूगोल द्वितीय की परीक्षा थी। इस दौरान परीक्षार्थियों ने जमकर नकल किया। यही नहीं परीक्षार्थियों का कापी अन्य लोगों ने लिखी। प्रश्न का उत्तर खोजने में भी लोग लगे रहे।
प्रशासन की सरपरस्ती में चल रहा खेल
जिले में अमृत विद्यापीठ कॉलेज नकल को लेकर कु यात है। यहां छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिलाकर उनसे मोटी फीस लेकर नकल कराई जाती है। जाहिर सी बात है इतने बड़े पैमाने पर अंधेरगर्दी बिना प्रशासन के सरपरस्ती के मुश्किल है। यही वजह है कि अमृत विद्यापीठ कॉलेज के संचालक जिले के बड़े अधिकारियों के साथ मंच साझा करते हुए देखे जाते हैं। प्रशासन की सह पर यहां खुलेआम नकल होती है लेकिन कभी भी कार्रवाई या जांच नहीं हुई।
जिले में अमृत विद्यापीठ कॉलेज नकल को लेकर कु यात है। यहां छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिलाकर उनसे मोटी फीस लेकर नकल कराई जाती है। जाहिर सी बात है इतने बड़े पैमाने पर अंधेरगर्दी बिना प्रशासन के सरपरस्ती के मुश्किल है। यही वजह है कि अमृत विद्यापीठ कॉलेज के संचालक जिले के बड़े अधिकारियों के साथ मंच साझा करते हुए देखे जाते हैं। प्रशासन की सह पर यहां खुलेआम नकल होती है लेकिन कभी भी कार्रवाई या जांच नहीं हुई।
ओपन, भोजमुक्त की परीक्षाएं
यहां पर ओपन, भोजमुक्त के फार्म भराए जाते हैं एवं परीक्षा होती है। इन सभी परीक्षाओं में इसी तरह की अव्यवस्था रहती है। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं यहां परीक्षा देते हैं। छात्र-छात्राओं से नकल कराने के नाम पर मोटी फीस वसूली जाती है।
यहां पर ओपन, भोजमुक्त के फार्म भराए जाते हैं एवं परीक्षा होती है। इन सभी परीक्षाओं में इसी तरह की अव्यवस्था रहती है। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं यहां परीक्षा देते हैं। छात्र-छात्राओं से नकल कराने के नाम पर मोटी फीस वसूली जाती है।
नकल के मामले में चर्चित है कॉलेज
20 जून को हुई परीक्षा खुलेआम नकल होना कोई नई बात नहीं है। यह कॉलेज पहले से ही नकल के मामले में काफी चर्चित रहा है। पिछले वर्ष भी इस कॉलेज में नकल का मामला सामने आया था। जिसके बाद सिंगरौली एसडीएम विकास सिंह ने निरीक्षण किया था। हालांकि कोई कार्रवाई नहीं हुई।
20 जून को हुई परीक्षा खुलेआम नकल होना कोई नई बात नहीं है। यह कॉलेज पहले से ही नकल के मामले में काफी चर्चित रहा है। पिछले वर्ष भी इस कॉलेज में नकल का मामला सामने आया था। जिसके बाद सिंगरौली एसडीएम विकास सिंह ने निरीक्षण किया था। हालांकि कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पास कराने की गारंटी
इस कॉलेज में छात्र-छात्राओं को प्रवेश के दौरान ही पास कराने की गारंटी दी जाती है। पास कराने के बदले मोटी रकम ली जाती है। इस रकम में जिले के कुछ अधिकारियों को भी कमीशन रहता है। यही वजह है कि कभी भी निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई। यहां ओपन की 10वीं, 12वीं एवं भोजमुक्त की कॉलेज एवं दूरवर्ती की कॉलेज की परीक्षाएं होती है। इन्हीं बोर्डों में छात्र-छात्राओं का प्रवेश कराया जाता है।
इस कॉलेज में छात्र-छात्राओं को प्रवेश के दौरान ही पास कराने की गारंटी दी जाती है। पास कराने के बदले मोटी रकम ली जाती है। इस रकम में जिले के कुछ अधिकारियों को भी कमीशन रहता है। यही वजह है कि कभी भी निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई। यहां ओपन की 10वीं, 12वीं एवं भोजमुक्त की कॉलेज एवं दूरवर्ती की कॉलेज की परीक्षाएं होती है। इन्हीं बोर्डों में छात्र-छात्राओं का प्रवेश कराया जाता है।