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शिक्षा महकमे में घूम रही कांग्रेस जिलाध्यक्ष के लेटर हेड पर तबादलों की सूची, विभागों में चर्चा का माहौल गर्म

locationसतनाPublished: Jul 06, 2019 01:08:01 am

Submitted by:

Ramashankar Sharma

भाजपा ने कसा तंज-तबादले कांग्रेस के लिए उद्योग, कांग्रेस जिलाध्यक्ष बोले-यह सामान्य प्रक्रिया, मेरे पास जो आवेदन आते हैं उसे नोटिंग के साथ कलेक्टर को भेज देता, सूची के बारे में नहीं जानता

madhya pradesh tabadala udyog transfers List viral in satna

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सतना। प्रदेश में तबादलों पर घिरी सरकार के लिए सतना कांग्रेस जिलाध्यक्ष के लेटर हेड पर जारी तबादला सूची नई मुसीबत बन सकती है। शिक्षा महकमे में तेजी से एक-दूसरे को भेजी जा रही इस सूची में उन कर्मचारियों के नाम लिखे हैं।
जिनका तबादला करने के लिए प्रभारी मंत्री लखन घनघोरिया से सिफारिश की गई है। हालांकि इस मामले में जब जिलाध्यक्ष दिलीप मिश्रा से बात की गई तो पहले उन्होंने आनाकानी की, फिर बोले, यह सामान्य प्रक्रिया है। मेरे पास कार्यकर्ताओं के जो प्रस्ताव आते हैं, उन्हें नोटिंग के साथ कलेक्टर को भेज देते हैं। सूची के बारे में मुझे जानकारी नहीं।
उधर, इस मामले में भाजपा को भी घेरने का मौका मिल गया। भाजपा जिलाध्यक्ष नारेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि तबादले कांग्रेस के लिए उद्योग बन गए हैं। सूची जानबूझकर सार्वजनिक किया गया है, ताकि दबाव बनाया जा सके। जब से यह सरकार आई है ऐसा ही हो रहा है। यह सब जानते हैं।
यह है पूरा मामला
दरअसल, शिक्षा महकमे में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप मिश्रा के लेटर हेड पर तबादला प्रस्तावों की सूची वायरल हो गई। इस सूची में शिक्षक, लिपिकीय स्टाफ सहित अन्य कर्मचारियों के नाम अंकित हैं, साथ ही यह बताया गया कि उनकी पोस्टिंग कहां होनी है। इसके बाद सूची के वायरल होने को लेकर तमाम कयास लगाए जाने लगे। चर्चा यहां तक रही कि प्रस्तावित तबादला सूची सार्वजनिक कर दबाव बनाने का प्रयास किया गया है। वहीं जिन लोगों ने जोर जुगाड़ करके सूची में अपना नाम जुड़वाया था वे सूची सार्वजनिक होने के बाद अब बगले झांकते नजर आ रहे हैं।
शिक्षक से लेकर चपरासी तक के नाम
जो सूची विभाग में एक दूसरे को भेजी जा रही है, उसमें पहले पेज में 18 नाम हैं। इसमें शिक्षक, सहायक अध्यापक, सहायक शिक्षक, प्राथमिक शिक्षकों के नाम हैं। इसके बाद अलगे चार पेजों में प्राथमिक शिक्षकों के नाम हैं। पांचवें पेज में माध्यमिक शिक्षक, अध्यापकों और प्राथमिक शिक्षकों के नाम हैं। छठे पेज में उच्च माध्यमिक शिक्षक, प्रधानाध्यापक, लिपिक, लेखापाल और भृत्यों के नाम हैं।
प्रभारी मंत्री को भेजी गई है सूची
गुरुवार दोपहर प्रभारी मंत्री लखन घनघोरिया को कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिलीप मिश्रा के लेटर हेड पर भेजे गए गए स्थानान्तरण प्रस्ताव की सूची सोशल मीडिया में वायरल हो गई। सूची में १२५ लोगों के तबादले का प्रस्ताव है। प्रभारी मंत्री को लिखे गए कवरिंग पत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों से स्वैच्छिक एवं प्रशासनिक तबादला प्रस्ताव मिलने की बात कही गई है। साथ ही तैयार सूची को कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप बताया गया है। पत्र के साथ संलग्न 6 पन्नों में 125 नामों की सूची है।
इन नामों की है सूची
बिहारीलाल, विश्रामदास, सतीश, मुन्नीलाल, वेदप्रकाश, संतोष, प्रतिभा, उमा, रामकरण, राकेश, महावीर, छोटेलाल, सनत, माया, शिवनाथ, भागवत, तुलसीदास, मनोज, प्रभा, कामिनी, सुनील, रामदास, शिवदयाल, अवधेश, नरेन्द्र, बहोरीलाल, इंदू, विजया, जीतेन्द्र, माण्डवी, अनिरुद्ध, शालिनी, अभय, रीतू, सुरेन्द्र, वंदना, राजकुमार, श्रद्धा, बद्रीनारायण, सुभाषिनी, अनिल, अखिलेश, शारदा, गोपालशरण, रामाश्रय, राजेश, संध्या, रमेश, विजय, कुंजबिहारी, विनोद, स्नेहलता, राजेश, अर्चना, मनोज, रजनी, संध्या, ज्योत्सना, भास्कर, प्रभा, गिरजा, प्रवेन्द्र, रावेन्द्र, नागेन्द्र, रामलाल, सीमा, सुशील,जयप्रकाश, अर्चना, अखिलेश, उमा, स्निग्धा, देवनारायण, अरुण, रामकिशोर, छोटेलाल, राजनारायण, प्रभाशंकर, सतीश, ममता, रमेशचंद्र, राजलक्ष्मी, बालगोविन्द, और आशीष आदि के नाम शामिल हैं। (नाम पत्र के आधार पर)
नेताओं के यहां दौड़
इस सूची में स्वैच्छिक और प्रशासनिक दोनों तरह के नाम शामिल हैं। सूची में कई ऐसे नाम हैं जो प्रशासनिक स्तर पर हटाने की सिफारिश में शामिल हैं। वे अब सूची बाहर आने के बाद नेताओं की शरण में चले गए। कुछ स्वैच्छिक नाम ऐसे भी हैं जो अन्य स्थान के लिये तबादला चाहते हैं, लेकिन अब बचाव में जुट गए हैं।
यह सामान्य प्रक्रिया होती है। कार्यकर्ता की सिफारिश आने पर हम अपनी कवङ्क्षरग लगाकर कलेक्टर को भेज देते हैं। जिस सूची के बारे में बात की जा रही है, उसके बारे में नहीं जानता।
दिलीप मिश्रा, जिलाध्यक्ष कांग्रेस
कांग्रेेस के लिए सत्ता में आते ही तबादला एक उद्योग बन गया है। सूची वायरल करने का मकसद सिर्फ इस उद्योग को बढ़ावा देने के साथ अधिकारियों पर दबाव बनाना है।
नारेंद्र त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष भाजपा
वायरल सूची से मेरा कोई लेना देना नहीं है और न ही मेरी जानकारी में है। जहां तक शिक्षा विभाग की सूची का मामला है तो पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। यह पार्टी को बदनाम करने की विरोधियों की साजिश है।
लखन घनघोरिया, प्रभारी मंत्री
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