सतना

मां ने पैसे के लिए जिगर के टुकड़े को बेचा, कोर्ट ने सुनाई 12 साल के कठोर कारावास की सजा

एडीजे कोर्ट मैहर का मामला

सतनाSep 22, 2018 / 12:48 pm

suresh mishra

maihar court decision in hindi on Son selling case

सतना। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार लढि़या की कोर्ट ने अपने पांच वर्षीय मासूम बेटे को बेचने के मामले में आरोपी मां लक्ष्मी वर्मा (29) पति रामायणदीन वर्मा निवासी कब्रिस्तान के पास टिकुरिया टोला थाना कोलगवां को 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि ‘न मातु परदैवतम’ अर्थात मां से बढ़कर कोई देव नहीं।
कुपुत्रों जायेत क्वचिदपि कुमातान भवति अर्थात पुत्र कुपुत्र हो सकता है पर माता कुमाता नहीं होती। लेकिन इस मामले में आरोपी मां ने अपने बेटे को बेचकर कुमाता का काम किया। अभियोजन की ओर से एजीपी उमेश शर्मा ने न्यायालय में पक्ष रखा।
ये है मामला
एजीपी उमेश शर्मा ने बताया कि घटना 31 जनवरी 2011 की है। आरोपी महिला लक्ष्मी वर्मा अपनी चार संतानों पुत्र शिवम, तीन पुत्रियों शिवानी, कोमल और प्रीति को साथ लेकर मायके ग्राम मालमऊ थाना सभापुर जाने का कहकर ससुराल से रवाना हुई पर वह मायके नहीं पहुंची। लक्ष्मी की शादी मैहर निवासी रामायणदीन चौधरी से हुई थी। पति रामायणदीन, जेठ ईश्वरदीन चौधरी सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने लक्ष्मी सहित बच्चों की खोजबीन की। जब कहीं पता नहीं चला तो पति ने सिंहपुर थाना में पत्नी सहित बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद 1 सितंबर 2011 को आरोपी महिला के पति रामायणदीन की मौत हो गई।
एेसे हुआ मामले का खुलासा
27 नवंबर 2014 को ईश्वरदीन चौधरी के पास विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं का फोन आया कि शिवम चौधरी बाल कल्याण समिति मिर्जापुर के संरक्षण में है। तब मानवाधिकार एसोसिएशन मिर्जापुर मंडल प्रभारी अनूप कुमार सिंह, संजय कुमार सिंह, माता प्रसाद, सत्यदेव मौर्य और रामकुमार की सूचना व सहयोग से शिवम को 3 दिसंबर 2014 को ईश्वरदीन के सुपुर्द किया गया। इसके बाद शिवम ने रोचक खुलासा किया।
स्टेशन पर गुड्डू अली नाम का व्यक्ति मिला
बताया कि मां लक्ष्मी उसे और तीनों बहनों को लेकर गई। मैहर स्टेशन पर राजबहोर मिला था। वह सभी को अपने साथ ले जाकर एक घर में रखा था। इस दरमियान उसकी बहन प्रीति की मौत हो गई, जिसे काली की मूर्ति के पास गाड़ दिया। इससे वह रोने लगा तो उसकी मां लक्ष्मी ने उसे कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद लक्ष्मी और रामबहोर उसे और दोनों बहनों को लेकर मैहर स्टेशन गए। स्टेशन पर गुड्डू अली नाम का व्यक्ति मिला।
लक्ष्मी ने कहा कि पहले पैसे दो
जिसने शिवम को मांगा तो मां लक्ष्मी ने कहा कि पहले पैसे दो। इसके बाद मोहम्मद गुड्डू अली पिता जहागीर निवासी ग्राम खुटहा पोस्ट पटिहटा थाना अहरौरा परगना चुनार जिला मिर्जापुर को लक्ष्मी और रामबहोर ने शिवम को बेच दिया। इसके बाद गुड्डू शिवम को जबरन अपने साथ खुटहा ले गया। वहां उसके साथ मारपीट की जाती थी और खाना भी नहीं दिया जाता था।
मासूम का जबरन कराया धर्म परिवर्तन
गुड्डू ने शिवम का नाम बदलकर सोनू अली रख दिया था। इसके बाद गुड्डू के पिता जहांगीर शिवम को लेकर उसकी मुसलमानी कराने मस्जिद ले गए। वहां पर हाफिज ने हिंदू लड़का बताकर उसकी मुसलमानी करने से इंकार कर दिया। घर पहुंचने पर गुड्डू की मां मदीना बेगम ने शिवम को दबोच लिया और जहागीर ने जबरन मुसलमानी कर दी। इसके बाद मदीना बेगम की दो लड़कियां सन्नो और रन्नो बेगम उसकी तकवारी करती थीं। उसकी हर एक हरकत पर नजर बनाए रखती थी।
मैहर से लेकर मिर्जापुर तक मचा बवाल
इसके बाद सिंहपुर थाना द्वारा मोहम्मद गुड्डू अली, मोहम्मद जहांगीर और लक्ष्मी के खिलाफ अपराध क्रमांक 541/16 कायम कर मामले की विवेचना आरंभ की गई। पुलिस द्वारा मोहम्मद गुड्डू अली, मोहम्मद जहांगीर की अनुपस्थिति में धारा 370, 370 (4 ), 120 ( बी), 365, 367 सहित 452 भादसं के तहत लक्ष्मी के खिलाफ न्यायालय में अभियोग प्रस्तुत किया गया। कोर्ट ने मां लक्ष्मी के खिलाफ बेटे को बेचे जाने के आरोप प्रमाणित पाए जाने पर भादसं की धारा 370 (4 ) के तहत 12 साल का सश्रम कारावास और तीन हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया। भादसं की धारा 120 ( बी) के तहत 6 वर्ष का कठोर कारावास और दो हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
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