बता दें कुपोषित मासूमों को बाहर कर एनआरसी में जड़ दिया ताला शीर्षक नाम से पत्रिका के १६ मई के अंक में एनआरसी स्टाफ की मनमानी का खुलासा किया गया था। जिसे संज्ञान में लेते हुए तात्कालीन कलेक्टर सतेंद्र सिंह ने सीएमएचओ डॉ विजय कुमार आरख से जवाब-तलब किया था। जिसके बाद सीएमएचओ १७ मई को सुबह एनआरसी मैहर पहुंचे थे। पंचनामा बनाया और स्टाफ सहित मासूमों के परिजनों के बयान दर्ज किए थे। इस दौरान सामने आया था कि १५ मई दोपहर २ से रात १० की पाली में एएनएम उमा साहू की ड्यूटी थी। रात १० से सुबह ६ बजे तक केयर टेकर सहिजता खान की ड्यूटी थी जो कि रात को एनआरसी नहीं पहुंची।
तब उमा ने मामले की जानकारी सिविल अस्पताल प्रभारी डॉ वीेके गौतम को दी। जिन्होंने मोबाइल से ही स्टाफ नर्स नेहा शर्मा की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए। लेकिन नेहा भी ड्यूटी में नहीं पहुंची और न ही किसी प्रकार की सूचना दी। तब उमा ने कुपोषित सहित मासूमों को बाहर कर एनआरसी में ताला जड़ दिया था। घटना दिनांक को केंद्र में तीन कुपोषित मासूम दाखिल थे। जिन्हें अपनी माताओं के साथ पूरी रात बाहर काटनी पड़ी थी। केंद्र के बाहर पंखा भी नहीं लगा हुआ था। कुपोषितों का रातभर गर्मी और मच्छरों के डंक से हाल बेहाल था।
इसलिए हुई सेवा समाप्त
जांच में पाया गया कि केयर टेकर उमा साहू की ड्यूटी दोपहर २ से रात १० बजे तक थी। लेकिन जांच टीम को दिए गए कथन में बताया गया था कि उसकी ड्यूटी २ से रात ८ बजे तक थी। दूसरी पाली की ड्यूटी में तैनात केयर टेकर के नहीं आने पर उसने मासूमों को बाहर कर ताला लगा दिया था। अधिकारियों को कथन में गलत जानकारी देकर भ्रमित करने और बच्चों को बाहर कर ताला लगाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए केयर टेकर उमा साहू संविदा की सेवाएं समाप्त कर दी गई।
जांच में पाया गया कि केयर टेकर उमा साहू की ड्यूटी दोपहर २ से रात १० बजे तक थी। लेकिन जांच टीम को दिए गए कथन में बताया गया था कि उसकी ड्यूटी २ से रात ८ बजे तक थी। दूसरी पाली की ड्यूटी में तैनात केयर टेकर के नहीं आने पर उसने मासूमों को बाहर कर ताला लगा दिया था। अधिकारियों को कथन में गलत जानकारी देकर भ्रमित करने और बच्चों को बाहर कर ताला लगाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए केयर टेकर उमा साहू संविदा की सेवाएं समाप्त कर दी गई।
एक पर कार्रवाई दो पर मेहरबानी
सीएमएचओ डॉ विजय कुमार आरख ने निरीक्षण के दौरान पाया था कि एनआरसी की केयर टेकर सहिजता खान और पोषक प्रशिक्षक अंजू समदरिया तीन दिन से बिना सूचना गायब थीं। जिसकी वजह से भी कुपोषित मासूमों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। लेकिन जिम्मेदार उमा के खिलाफ कार्रवाई कर सहिजता खान और अंजू समदरिया पर मेहरबान बने हुए हैं।
सीएमएचओ डॉ विजय कुमार आरख ने निरीक्षण के दौरान पाया था कि एनआरसी की केयर टेकर सहिजता खान और पोषक प्रशिक्षक अंजू समदरिया तीन दिन से बिना सूचना गायब थीं। जिसकी वजह से भी कुपोषित मासूमों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। लेकिन जिम्मेदार उमा के खिलाफ कार्रवाई कर सहिजता खान और अंजू समदरिया पर मेहरबान बने हुए हैं।