राहु कर्क में तथा केतु मकर में शनि धनु में गोचर कर रहे हैं। राहु कर्क में तथा केतु मकर में हैं। सूर्य तथा शनि एक साथ एक माह मकर राशि में रहेंगे। इस प्रकार सूर्य अपने पुत्र शनि की राशि में एक माह तक विराजमान रहेंगे। इस तरह मकर संक्रांत मंगलवार को मनाई जाएगी। शास्त्र के अनुसार यही है, सोमवार को सामान्य धारणा है कि 14 को मकर संक्रांति होती है। इसलिए लोगों ने मनाया। लेकिन इस बार सोमवार की रात 2.21 बजे सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होने के कारण 15 जनवरी को भी संक्रांति मनाई गई।
स्नान कर दान पुण्य किया
मकर संक्रांति पर लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हुए दान पुण्य करते हैं। सोमवार को जगतदेव तालाब व संतोषी माता मंदिर क्षेत्र में ऐसे भक्तों को देखा गया। मंगलवार को भी वृहद स्तर पर संक्रांति धूमधाम से बनाई गई।
मकर संक्रांति पर लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हुए दान पुण्य करते हैं। सोमवार को जगतदेव तालाब व संतोषी माता मंदिर क्षेत्र में ऐसे भक्तों को देखा गया। मंगलवार को भी वृहद स्तर पर संक्रांति धूमधाम से बनाई गई।