घटना को लेकर पुलिस का मानना है कि अमगार गांव से लगातार बैल चोरी हो रहे थे। इससे ग्रामीण नाराज थे। कुछ दिनों से वे गांव में रैकी कर रहे थे। वारदात के दिन जब मवेशी वध होते देखा तो भड़क गए और वारदात को अंजाम दे डाला। घटना के बाद एफआइआर में मृतका नाम रियाज बताया गया था, लेकिन परिजनों ने वास्तविक नाम सिराज बताया।
दूसरे दिन पुलिस की दो टीमें मौके पर पहुंचीं। पहली टीम में शामिल एएसपी आरएस प्रजापति व एसडीओपी मैहर अरविंद तिवारी ने वारदात स्थल का दौरा कर गिरफ्तार आरोपी पवन सिंह पिता जागेश्वर सिंह (35), विजय सिंह पिता लल्लन सिंह (28), नारायण सिंह पिता काशी सिंह (50) और फूल सिंह पिता श्याम लाल सिंह (36) से पूछताछ की। दूसरी टीम में शामिल सायबर सेल के इंस्पेक्टर आरपी सिंह व विद्याधर पांडेय ने साक्ष्य जुटाया।
जल्द ही पुलिस के रिकॉर्ड में उन सभी लोगों के मोबाइल नंबर और नाम आ जाएंगे जो घटना से पहले और बाद में मौके पर मौजूद रहे। तकनीकी साधनों से जुटाई जाने वाली इस जानकारी में नेटवर्क के जरिए पुलिस मिनट टू मिनट घटना स्थल पर रहने वाले मोबाइल फोन धारकों का पता लगा रही है। पुलिस ने जबलपुर में उपचार के लिए भर्ती घायल शकील के कपड़े भी जब्त करने का निर्णय लिया है। बताया जा रहा कि उसके कपड़े पर मवेशियों के खून व मारपीट में इंसानी खून लगे हो सकते हैं। फॉरेंसिक जांच के बाद कई तथ्य सामने आ सकते हैं।
मृत सिराज की पत्नी शहीदुन्ननिशा कहती हैं कि गुरुवार दोपहर जब सिराज खाना खा रहे थे तभी शकील आया और उन्हें साथ ले गया। मैंने कहा था कि रमजान चल रहा है। सेहरी का सामान लेकर शाम को आना। उन्होंने लाने को भी कहा था। उसके बाद वे चले गए। जब वे देर तक नहीं आए तो रात करीब ८ बजे मोबाइल पर बात हुई। उन्होंने बताया कि दुकान पर हूं। कुछ देर लग जाएगी। उसके बाद रात डेढ़ बजे फोन लगाया तो बंद मिला। शुक्रवार सुबह शकील की पत्नी ने फोन कर बताया कि सिराज की हत्या हो गई है। कुछ समझ पाती, तभी पुलिस पहुंच गई। सभी लोग भागते हुए अस्पताल पहुंचे। वहां उनकी पहचान की और पोस्टमार्टम के बाद शव घर लाए। सिराज खान के परिवार में पत्नी शहीदुन्ननिशा (40), तीन बेटियां फरातंजुम (18), आफरीन फातिमा (15), आलिया परविन (12) और बेटा सादीर (7) हैं। सिराज परिवार से अलग किराए के मकान में रहता था। शहीदुन्ननिशा बताती हैं, सिराज टेलरिंग का काम करते थे। 6 साल पहले मुंबई में महबूब टेलर के यहां काम किया, इसके बाद मैहर लौट आए। उत्तरी दरवाजे के पास मुन्ना कचेर की दुकान किराए पर लेकर अपना काम शुरू किया। यहां पति-पत्नी टेलरिंग का काम करते थे।
बदेरा के अमगार गांव में गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात गो-हत्या की अशंका पर ग्रामीणों ने हमला बोल दिया था। सिराज खान (45) व शकील (33) की जमकर पिटाई की गई थी। इसमें सिराज की मौत हो गई, जबकि शकील की हालत गंभीर बनी है। उसका उपचार जबलपुर में निजी अस्पताल में चल रहा है। घटना के बाद दोनों पक्षों की शिकायत पर एफआइआर दर्ज की गई थी। इसमें घायल की शिकायत के आधार पर चार अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ था। जबकि गिरफ्तार आरोपी पवन सिंह की शिकायत पर सिराज खान व शकील के ऊपर मामला दर्ज हुआ है।
सूत्र कहते हैं, पूरी वारदात सुनियोजित है। पुलिस अभी भी कई तथ्य को खोल पाने में विफल है। दरअसल, जिस स्थान पर वारदात हुई और मवेशी काटने के आरोप लग रहे हैं वह अमगार गांव से करीब डेढ़ किमी की दूरी पर कैमोर रोड में स्थित है। सुनसान इलाके में एक खेत है, उसके ठीक पीछे खदान। बिना रैकी किए कोई वहां नहीं पहुंच सकता था। मौके पर पहुंचे लोगों ने एक बैल को मुक्त भी कराया था, जिसके चारों पांव बधे हुए थे। एक अहम बात यह भी है कि आरोपी घटनास्थल पर कैसे पहुंचे थे, जबकि दोनों मैहर के रहने वाले हैं। मौके से कोई वाहन पुलिस ने बरामद नहीं किया है।
वारदात अमगार गांव के पास हुई थी, जबकि मृत युवक मैहर की पुरानी बस्ती का रहने वाला था। लिहाजा बदेरा, अमगार व पुरानी बस्ती क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति रही। आने-जाने वालों पर नजर रखी जा रही है। हर इनपुट व तथ्य पर तत्काल प्रतिक्रिया हो रही है।
भले ही पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है लेकिन, अब भी शकील का बयान महत्वपूर्ण है। शनिवार को जबलपुर में अस्पताल में शकील को होश आया, हालत में मामूली सुधार है। पुलिस को इंतजार है कि वो बयान देने की स्थिति में आए ताकि जांच आगे बढ़ सके।