बताया गया कि रानीपुर गांव के खोवा व्यापारी अन्तिमलाल कुशवाहा (50) बुधवार सुबह मरवरियादाई जंगल में जिगनवाह के पास रास्ते से रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए। परिवार के मुताबिक, गायब होने से ठीक पहले अन्तिमलाल ने घर पर बात की थी। फोन पर बातचीत के दौरान उन्होंने जिक्र किया था कि हथियारों से लैश चार-पांच लोग उन्हें कहीं ले जा रहे हैं, ये मुझे गोली मार देंगे। इसके बाद फोट कट गया और फिर उठा नहीं। परिवार ने तत्काल पुलिस को मामले की जानकारी दी। घंटेभर के अंदर जंगल से लेकर गांव तक के हर रास्ते पर पुलिस सक्रिय हो गई।
एसपी अंकित मित्तल ने मोर्चा संभालते हुए बीहड़ में व्यापारी की तलाश शुरू कर दी, लेकिन अंतत: शाम होते-होते बुरी खबर आ गई। जंगल में अंतिमलाल का शव मिला। पुलिस सूत्रों की मानें तो आपसी रंजिश में हत्या की गई है, वहीं दूसरी ओर किसी नए गैंग द्वारा खोवा व्यापारी के अपहरण की आशंका जताई जा रही है। एसपी अंकित मित्तल का कहना है कि फिरौती की मांग न आना रंजिशन हत्या का मामला ज्ञात होता है। लेकिन परिजन इसे मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि मामले की जांच हो और हत्यारो को जल्द से जल्द पकड़ा जाए।
बुधवार सुबह रानीपुर के जंगल से रहस्यमयी तरीके से गायब खोवा व्यापारी की देर शाम लाश मिली। खोवा व्यापारी अन्तिमलाल कुशवाहा की गोली मारकर हत्या की गई। फिलहाल पुलिस मामले में तफ्तीश में जुटी हुई है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि शव के पास में मृतक का मोबाइल मिला है। यानी फोन गायब होने के बाद से ही उन्ही के पास था और चालू भी था क्योंकि घरवाले लगातार लगा रहे थे लेकिन उठ नहीं रह था। अब सबसे बड़ा प्रश्न ये है कि आखिर इतने लंबे समय मोबाइल फोन चालू होने के बाद भी यूपी पुलिस लोकेशन ट्रैक क्यों नही कर सकी? परिवार ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है ।
– इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया है। सबसे बड़ा सवाल है कि दिन में व्यापारी कैसे गायब हो गए?
– लगातार मोबाइल फोन ऑन होने के बाद भी पुलिस लोकेशन ट्रैक करने में क्यों विफल हुई?
– पुलिस दिनभर जंगलों की खाक छानती रही और अपराधियों ने सुबह पकडऩे के बाद वारदात को अंजाम दे दिया।