पीड़िता ने बताया कि उसके परिवार के लोग आरोपी मनोज सोनी के परिवार में रिश्ता लेकर वर्ष 2015 में गए थे। मनोज के भाई ने दोनों लोगों के नंबर एक-दूसरे को दिए थे। 2017 में उनकी बात होने लगी थी। 22 नवंबर 2017 को वे रीवा कलेक्ट्रेट परिसर में उसे देखने भी आए थे। वहां मनोज ने उसे पसंद किया और रिश्ते की बात आगे बढ़ाने के लिए परिवार के लोगों से बात करने के लिए कही। दहेज के लिए भी परिवार के लोगों से बात करने के लिए कहा।
नवंबर के अंतिम सप्ताह उसे किशोरजी मंदिर में बुलाया और दर्शन करने के बाद शादी का वादा किया। 7 दिसंबर 2017 को एक्सीडेंट होने पर वह मनोज को देखने के लिए उनके सरकारी आवास अजयगढ़ आई थी। वहीं से नजदीकियां और बढ़ गईं। 31 दिसंबर को भी वह मनोज के बुलाने पर अजयगढ़ आई थी। मनोज ने उसे शादी का पूरा भरोसा दिलाते हुए दहेज के लिए परिवार के लोगों को रुपए की व्यवस्था करने के लिए कहा था।
उसी दौरान दहेज में 50 लाख रुपए नकदी, 30 तोला सोना, एक कार और शादी का पूरा खर्च करने के लिए कहा। मेरे पिताजी द्वारा इतना नहीं दे पाने की बात कहने पर मनोज वापस अजयगढ़ लौट आए। मार्च के अंतिम सप्ताह में भी उसे अजयगढ़ बुलाया और संबंध बनाए। इसके बाद दो अप्रैल को रानीतालाब आकर पूजा-अर्चना की और परिवार के साथ भोजन भी किया। 3 अप्रैल को उनके परिवार के लोगों ने शादी झांसी में तय होने की बात कही।
मजिस्ट्रेट मनोज सोनी के छतरपुर स्थित घर में दो दिन पहले शादी की तैयारियां चल रही थीं। घर में रंग-रोगन होने के बाद सजावट होनी थी, लेकिन इससे पहले ही उनके घर मनहूस खबर पहुंच गई। दूल्हा बनने से पहले ही मजिस्ट्रेट के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज हो गया। इससे शादी की तैयारियां रुक गईं। उनके छतरपुर में स्टेट बैंक के पास स्थित घर में सन्नाटे जैसा माहौल है। गुरुवार को सुबह से परिवार के लोग घर में ही बंद रहे। दोपहर में ताला लगा था। शाम को दरवाजे अंदर से बंद मिले। पत्रिका ने जब दरवाजा खुलवाया तो मजिस्ट्रेट के पिता बाहर निकले। केस के बारे में पक्ष जानना चाहा तो लड़की के चरित्र पर ही सवाल उठाने लगे।
आरोपी मजिस्ट्रेट के छतरपुर की स्टेट बैंक के पास स्थित घर में बुधवार से ही ताला लगा है, लेकिन अंदर उसके परिजन मौजूद हैं। गुरुवार शाम पत्रिका ने दरवाजा खुलवाया तो आरोपी के पिता बाहर निकले। उन्होंने पीडि़ता के चरित्र पर सवाल उठाए और कहा, उसने मेरे बेटे को फंसाया है। हम कोर्ट जाएंगे, खुद को निर्दोष साबित करेंगे। आरोपी के दो भाइयों धर्मेंद्र और उपेंद्र ने कहा, जब लडक़ी को भैया की शादी का पता चला तो ब्लैकमेलिंग करने लगी।
मप्र हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष आदर्शमुनि त्रिवेदी ने बताया कि पीडि़ता ने अपने उच्चाधिकारियों और पुलिस से कई बार शिकायत की। कोई कार्रवाई नहीं होने पर उसने ७ जून को उसने मप्र हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को आवेदन देकर सहायता मांगी। इस पर एसोसिएशन के शिष्टमंडल ने प्रभारी रजिस्ट्रार जनरल पीसी गुप्ता को ज्ञापन सौंपकर सिविल जज को हटाने की मांग की थी।
रियाज इकबाल, एसपी, पन्ना