पिता बोले-मां का रो रोकर बुरा हाल
बहादुर बेटे कर्णसिंह की बात करते ही उनकी आंखें भर आती हैं। बताया कि खुद को तो संभालत लेता हूं, लेकिन उसकी मां मिथलेश को समझाना मुश्किल होता है। कर्ण के बिना हर तीज-त्योहार उसके अधूरे हैं। एक दिन भी ऐसा नहीं होता जब कर्ण का याद न करे। रिटायर्ड सूबेदार रवि सिंह ने बताया कि बेटे को खोने का गम तो जीवन भर रहेगा, लेकिन मुझे फक्र है कि बेटा मेरा सिर गर्व से ऊंचा कर गया। बेटे की शहादत आसपास के लोगों में देश भक्ति का जज्बा जगाती रहे, इसके लिए प्रयास करते रहेंगे। बता दें कि कर्णवीर को वीरता के लिए भारत सरकार ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।
बहादुर बेटे कर्णसिंह की बात करते ही उनकी आंखें भर आती हैं। बताया कि खुद को तो संभालत लेता हूं, लेकिन उसकी मां मिथलेश को समझाना मुश्किल होता है। कर्ण के बिना हर तीज-त्योहार उसके अधूरे हैं। एक दिन भी ऐसा नहीं होता जब कर्ण का याद न करे। रिटायर्ड सूबेदार रवि सिंह ने बताया कि बेटे को खोने का गम तो जीवन भर रहेगा, लेकिन मुझे फक्र है कि बेटा मेरा सिर गर्व से ऊंचा कर गया। बेटे की शहादत आसपास के लोगों में देश भक्ति का जज्बा जगाती रहे, इसके लिए प्रयास करते रहेंगे। बता दें कि कर्णवीर को वीरता के लिए भारत सरकार ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।