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शहीद बेटे कर्णवीर की याद में गांव में अस्पताल बनवाएंगे रिटायर्ड सूबेदार पिता

locationसतनाPublished: Aug 16, 2022 12:00:49 am

Submitted by:

Pushpendra pandey

दो आतंकियों को ढेर करने के बाद शहीद कर्णवीर को मरणोपरांत मिला वीरता का शौर्य चक्र

Martyr Karnveer Singh

Martyr Karnveer got Shaurya Chakra posthumously

सतना. दो आतंकियों को ढेर करने के बाद शहीद हुए देवमऊ दलदल के लाल कर्णवीर सिंह की याद में उनके सूबेदार पिता अस्पताल भवन बनवाएंगे ताकि आसपास के लोगों को समुचित इलाज मिल सके। वर्तमान में गांव में अस्पताल न होने के कारण लोगों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ता है। बता दें कि शहीद कर्णवीर सिंह गत वर्ष कश्मीर के शोपिया में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। उनके पिता रवि कुमार सिंह रिटायर्ड सूबेदार हैं।
पिता बोले-मां का रो रोकर बुरा हाल
बहादुर बेटे कर्णसिंह की बात करते ही उनकी आंखें भर आती हैं। बताया कि खुद को तो संभालत लेता हूं, लेकिन उसकी मां मिथलेश को समझाना मुश्किल होता है। कर्ण के बिना हर तीज-त्योहार उसके अधूरे हैं। एक दिन भी ऐसा नहीं होता जब कर्ण का याद न करे। रिटायर्ड सूबेदार रवि सिंह ने बताया कि बेटे को खोने का गम तो जीवन भर रहेगा, लेकिन मुझे फक्र है कि बेटा मेरा सिर गर्व से ऊंचा कर गया। बेटे की शहादत आसपास के लोगों में देश भक्ति का जज्बा जगाती रहे, इसके लिए प्रयास करते रहेंगे। बता दें कि कर्णवीर को वीरता के लिए भारत सरकार ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।
IMAGE CREDIT: Patrika दो आतंकियों को ढेर कर हुए शहीद
रामपुर बाघेलान के देवमऊ दलदल निवासी कर्णवीर 26 साल की उम्र में शहीद हो गए। पिता को आदर्श मानते थे। उनकी प्रेरणा से ही 2017 में सेना में भर्ती हुए। 21 राजपूत रेजिमेंट 44RR में तैनात जवान कर्णवीर भी साथी सैनिकों के साथ मोर्चा संभाले हुए थे। तभी 19-20 अक्टूबर की दरम्यानी रात कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों से मुठभेड़ शुरु हो गई। कर्ण आतंकियों को मुंह तोड़ जवाब दे रहे थे, लेकिन तड़के 4 बजे आतंकियों की एक गोली उनके सिर और दूसरी सीने में जा लगी।

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