इस मामले में ओराही ट्रेडिंग कंपनी के संचालक विशाल प्रजापति ने बताया, एक युवक उनकी दुकान पर ग्रिप और एमसीबी खरीदने आया। भरोसा जीतने के लिए पहले तो उसने कहा कि वह कल शाम भी आया था लेकिन दुकान बंद थी। करीब 390 रुपए का सामान लेने के बाद युवक ने व्यापारी को कहा कि वह उसे 810 रुपए पेटीएम कर दे। जिसके एवज में वह 1200 रुपए नकद दे रहा है। भरोसे में आकर विशाल ने पेटीएम के जरिए रकम ट्रांसफर कर दी। खाते में रकम जाते ही युवक गाड़ी से झोला लेने के बहाने गया और भागने लगा। तभी संदेह होने पर उसे पकड़ लिया गया। विशाल का कहना है कि युवक अपने साथ ज्वेलरी का एक खाली डिब्बा भी लिए था। पेटीएम में उसका नाम अभिषेक और पिता का नाम विजय राय दिख रहा था। मौके पर कोलगवां थाना पुलिस पहुंची तो युवक को उसके हवाले कर दिया गया।
रकम मिल गई वापस यह बात सामने आई है कि जब पुलिस युवक को पकड़ कर ले गई तो समझौते का दौर शुरू हो गया। कुछ देर बाद व्यापारी के 810 रुपए वापस मिल गए तो मामला ठण्डा पड़ गया। ठगी के इस मामले से पुलिस भी हाथ खींचना चाह रही थी। एेसे में बिचौलियों की मदद से आरोपी को बचाते हुए मामले को रफा दफा कर दिया गया।