scriptवसुधैव कुटुम्बकम का दिया संदेश | Message of Vasudhaiva Kutumbakam | Patrika News

वसुधैव कुटुम्बकम का दिया संदेश

locationसतनाPublished: Apr 21, 2019 08:34:58 pm

Submitted by:

Jyoti Gupta

एकेएस विवि के छात्रों की प्रस्तुति

Message of Vasudhaiva Kutumbakam

Message of Vasudhaiva Kutumbakam

सतना. एकेएस यूनिवर्सिटी के विभिन्न संकाय के छात्रों ने नाटक वसुधैव कुटुम्बकम की सजीव प्रस्तुति देकर अपनी अभिव्यक्ति को नया आयाम दिया। जहां डाल-डाल पर करती है सोने की चिडिय़ा बसेरा…, गीत की पंक्तियां मंच पर उभरीं वैसे ही कलाकारों का हुजूम रंगमंच के विविध आयामों का भावप्रणय अभिनय और समाज की विसंगतियों पर चोट करते हुए अपनी बात कहता रहा। उत्तम जाति, रंग, रूप का आडम्बर जहां पंडित के चरित्र से उभरा, वहीं पंडिताइन ने अपने तर्कों से उन्हें खंडित किया। अंत में सुखंात के रूप में रघुपति राघव राजाराम की धुन ने सबको विषय का विस्तार समझाया। वसुधैव कुटुम्बकम का अर्थ है द वल्र्ड इज वन फैमिली, इसी कड़ी पर बात आगे बढ़ाते हुए सभी कलाकारों ने अपने उम्दा अभिनय से दर्शक दीर्घा को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया। घर, परिवार, समाज, देश के माध्यम से बात करते हुए कलाकारों ने रिश्तों की बानगी भी पेश की। नाटक विवि के डॉ. जीपी. रिछारिया द्वारा लिखित है। निर्देशन सविता दाहिया ने किया। इसमें आनंद पयासी, डॉ.दीपक मिश्रा, प्रमोद शर्मा, शैलेन्द्र, सुधांशु, करण, अनिल, शीलधर, फ लक, केशांगी, आनंद, अभिजीत, आदिल, शैलजा, अभिषेक, प्रकाश का योगदान रहा।
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