नगर निगम में निर्वाचित पार्षदों के अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वालों की बतौर एल्डरमैन नियुक्ति का प्रावधान है। हालांकि इन्हें सामान्य भाषा में गैर निर्वाचित पार्षदों की तरह देखा जाता है लेकिन पार्षद वार्ड के प्रतिनिधि होते हैं जबकि एल्डरमैन पूरे निगम क्षेत्र के। सत्ता में आने के बाद कांगे्रस ने जुलाई माह में निगमों में एल्डरमैन नियुक्ति की कवायद शुरू कर दी थी। लेकिन सतना में यह मामला अभी तक फिट नहीं हो सका है। अब जबकि परिषद को 1 माह शेष बचे हैं तब सतना नगर निगम में एल्डमैन नियुक्ति की प्रक्रिया अंजाम के करीब तक पहुंच चुकी है।
फिर गरमाएगी कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति
जिन 5 नामों पर स्वीकृति की मुहर नहीं लगी है वे कही न कहीं से हाल के दिनों में कांग्रेस की राजनीति में गरमाहट लाने में शामिल रहे हैं। मसलन सविता अग्रवाल ने कार्यकारिणी से इस्तीफा दिया था तो गुलाब सोनी ने नगर अध्यक्ष के खिलाफ एक तरीके से मोर्चा खोल दिया था। इसी तरह से महेंद्र वर्धन को विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा की लॉबी का माना जाता है। ऐसे में यह तो माना जा रहा है कि इन नामों की अस्वीकृति कांग्रेस के अंदरखाने में शोर तो जरूर मचाएगी।