जेडी की चार सदस्यीय जांच टीम ने भी प्राथमिक तौर पर पाया है कि आउट सोर्स कंपनी कामथेन सेक्योरिटी सर्विसेज संयोगितागंज इंदौर द्वारा कम वेतन दिया जा रहा था। निर्देशों के मुताबिक प्रति डाटा एंट्री ऑपरेटर को 77 सौ रुपए वेतन दिया जाना था। आउटसोर्स कंपनी द्वारा डाटा एंट्री ऑपरेटर को केवल 64 सौ रुपए वेतन दिया जा रहा था।
सीएमएचओ और एनएचएम अफसरों की मिलीभगत
सीएमएचओ और एनएचएम दफ्तर की मिलीभगत से डेढ़ साल से भी अधिक समय से यह खेल चल रहा था। मिलीभगत के चलते कामथेन सेक्योरिटी सर्विसेज को स्वास्थ्य अधिकारियों का भी पूरा संरक्षण था।
सीएमएचओ और एनएचएम दफ्तर की मिलीभगत से डेढ़ साल से भी अधिक समय से यह खेल चल रहा था। मिलीभगत के चलते कामथेन सेक्योरिटी सर्विसेज को स्वास्थ्य अधिकारियों का भी पूरा संरक्षण था।
नियुक्ति देने के बाद से ही गड़बड़ी
आउट सोर्स कंपनी कामथेन सेक्योरिटी सर्विसेज संयोगितागंज इंदौर द्वारा जुलाई 2020 में 47 डाटा एंट्री ऑपरेटर की नियुक्ति की गई थी। इनकी नियुक्ति के बाद से ही प्रति ऑपरेटर 13 सौ रुपए कम वेतन दिया जा रहा है। यानी कंपनी ने 17 माह में 47 डाटा एंट्री ऑपरेटर के वेतन के 1038700 सौ रुपए डकार लिए।
आउट सोर्स कंपनी कामथेन सेक्योरिटी सर्विसेज संयोगितागंज इंदौर द्वारा जुलाई 2020 में 47 डाटा एंट्री ऑपरेटर की नियुक्ति की गई थी। इनकी नियुक्ति के बाद से ही प्रति ऑपरेटर 13 सौ रुपए कम वेतन दिया जा रहा है। यानी कंपनी ने 17 माह में 47 डाटा एंट्री ऑपरेटर के वेतन के 1038700 सौ रुपए डकार लिए।
ईपीएफ-ईएसआई की राशि की डकारी
जांच अधिकारी के निर्देश के बाद भी सीएमएचओ दफ्तर-एनएचएम के जिम्मेदार डाटा एंट्री ऑपरेटर की ईपीएफ व ईएसआई राशि कटौती के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए। जबकि प्रत्येक डाटा एंट्री ऑपरेटर के एकाउंट में 1203 रुपए ईपीएफ व 300 रुपए ईएसआई के ट्रांसफर किए जाने चाहिए थे। लेकिन इसमें भी गफलत की जा रही थी। ईपीएफ और ईएसआई की भी 17 माह में 47 ऑपरेटर के कुल 1198500 रुपए राशि दबा ली गई।
जांच अधिकारी के निर्देश के बाद भी सीएमएचओ दफ्तर-एनएचएम के जिम्मेदार डाटा एंट्री ऑपरेटर की ईपीएफ व ईएसआई राशि कटौती के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए। जबकि प्रत्येक डाटा एंट्री ऑपरेटर के एकाउंट में 1203 रुपए ईपीएफ व 300 रुपए ईएसआई के ट्रांसफर किए जाने चाहिए थे। लेकिन इसमें भी गफलत की जा रही थी। ईपीएफ और ईएसआई की भी 17 माह में 47 ऑपरेटर के कुल 1198500 रुपए राशि दबा ली गई।