रेल कर्मचारी नेताओं के मुताबिक आजादी के पहले 1882 से यह डीजल ट्रिप शेड सतना में कार्यरत है। अब रेल रेल मंडल जबलपुर प्रशासन ने फरमान जारी कर कर्मचारियों को कटनी और सभी सामान जबलपुर शिफ्ट करने को कहा है।
इस संबंध में रेल कर्मचारियों संग भारतीय मजदूर संघ की नगर इकाई के शिष्ट मंडल ने सांसद गणेश सिंह को ज्ञापन सौंपा। विभाग प्रमुख राजपाल शर्मा एवं नगर अध्यक्ष विनोद द्विवेदी ने सांसद को बताया कि रेल मंडल जबलपुर का यह आदेश इस क्षेत्र के विकास की घोर उपेक्षा है। साथ ही कोरोना काल में इस डीजल ट्रिप शेड से जुड़े कर्मचारियों के साथ ज्यादती है। जबलपुर रेल मंडल के इस फरमान से कर्मचारियों की वरीयता और उनके हुनर की उपेक्षा होगी। उन्होंने इसे कर्मचारियों को प्रताड़ित करने जैसा बताया।
कहा कि इसके पहले भी रेल प्रशासन पेट्रोल डिपो सतना से जबलपुर स्थानांतरित कर चुका है अब यह दूसरा प्रोजेक्ट जिसकी सतना में आवश्यकता क्यों,कि सतना सीमेंट फैक्ट्रियों का हब है जबकि पन्ना, सिंगरौली लाइन जुड़ने पर भी इसकी आवश्कता है अन्यथा सतना के इंजनों को मरम्मत के लिए लखनऊ या इटारसी ले जाना पड़ेगा।
सारी बातें सुनने के बाद सांसद ने भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि वे रेलमंत्री से इस मुद्दे पर चर्चा कर शीघ्र ही श्रमिक व क्षेत्रीय हित में आवश्यक कदम उठाने की पहल करेंगे।
भारतीय मजदूर संघ व पश्चिम मध्य रेल कर्मचारी परिषद की प्रमुख मांगें -सतना डीजल शेड में कार्यरत कर्मचारियों की शिफ्टिंग तत्काल रोकी जाए
– कर्मचारियों को अपने भविष्य के विषय में सोचने व निर्णय लेने का 90 दिन का समय दिया जाए
– एक-एक करके सारे प्रोजेक्ट हटाए जाने का सौतेला व्यवहार बंद किया जाए
– कर्मचारियों को अपने भविष्य के विषय में सोचने व निर्णय लेने का 90 दिन का समय दिया जाए
– एक-एक करके सारे प्रोजेक्ट हटाए जाने का सौतेला व्यवहार बंद किया जाए
प्रतिनिधिमंडल में ये थे शामिल सांसद से मिलने गए प्रतिनिध मंडल में भारतीय मजदूर संघ एवं पश्चिम मध्य रेल कर्मचारी परिषद के पदाधिकारी शेषकली मिश्रा, राकेश श्रीवास्तव, सीताराम त्रिपाठी, आईएस चतुर्वेदी, एनके त्यागी, राजेश जैन, गंगा प्रसाद, शंकरलाल, जितेंद्र कुमार, गौरव कुमार, योगेश कुमार, पुष्पेंद्र त्रिपाठी, ओकार त्रिपाठी, फूलमती नामदेव, रेखा वर्मा, कमलेश सिंह, नारेंद्र त्रिपाठी एवं अन्य रेल कर्मी शामिल रहे।