सीएंडडब्ल्यू में पदस्थ मास्टर क्रॉफ्टमैन आशीष कुमार जायसवाल ने बताया कि वह मंगलवार अपराह्न ३ बजे ड्यूटी के दौरान कार्यालयीन डायरी लिख रहे थे। तभी टेबिल पर रखे उनके मोबाइल फोन से अचानक धुंआ निकलने लगा। देखते ही सभी दहशत में आए तो फोन को बाहर फेंकने के प्रयास किए। इस बीच फोन में आग लग गई। किसी तरह फोन दफ्तर से बाहर फेंक पानी से आग बुझाई। कर्मचारियों में अब एंड्रॉयड फोन को लेकर दहशत है। डिपो में मौजूद कर्मचारियों का कहना था कि गनीमत रही जो फोन टेबल पर रखा था। अगर जेब में होता तो बड़ा हादसा हो सकता है। आशीष ने इस घटना के बाद मोबाइल फोन कंपनी को सूचित किया है। कंपनी ने तकनीकी जांच के बाद ही कोई कुछ कह पाने की बात कही है।
– मोबाइल की बैटरी लिथियम की होती है। ये चार्ज करने पर गर्म हो जाती हैं, कम यूज़ करने भी ज्यादा हीट करती हैं। आपको लगे कि आपके फोन की बैटरी ज्यादा गर्म हो रही है तो तुरंत बदलें।
– अगर आपके मोबाइल की बैटरी ऐसा लगे कि फूल गई है तो बेहतर होगा कि आप इसे बदल लें। ऐसी बैटरी कभी भी फ ट सकती है।
– अगर स्मार्टफोन टच करते ही गरम होने लगे तो एक बार स्पिन टेस्ट कर लें। एक टेबल पर स्मार्टफोन की बैटरी निकालकर घुमाएं। अगर बैटरी घूम जाए तो इसका मतलब है इसे बदलने की जरूरत है।
– स्मार्टफोन को फेंककर किसी दूसरे को न दें, इससे ब्लास्ट होने का खतरा रहता है।
– कम तापमान में मोबाइल को चार्ज करने पर बैटरी फटने का खतरा बना रहता है। लिथियम आयन बैटरी को बहुत कम तापमान वाली जगह पर चार्ज नहीं करना चाहिए। हालांकि ऐसी जगह अपने यहां कम ही है। फिर भी ध्यान रखें।
मोबाइल भले ही ब्रांडेड हो पर लोग बैटरी समेत कई एसेसरीज सस्ते के चक्कर में लोकल या नॉन ब्रांड की इस्तेमाल करते हैं। इससे हादसे के चांस बढ़ जाते हैं। इससे बचने के लिए हमेशा ब्रांडेड एसेसरीज का इस्तेमाल करें।
हमेशा बैटरी फुल होने के बाद चार्जर बंद कर दें। कई बार ओवरचार्जिंग से भी हादसे का खतरा रहताा है।
मोबाइल खराब होने पर खुद मैकेनिकी करने से बचें, तय सर्विस सेंटर में ही दिखाएं।