Ratnesh Pandey: महाकाल दर्शन के बाद मिली थी माउंट एवरेस्ट फतह की प्रेरणा
सतनाPublished: Dec 11, 2022 11:51:29 pm
ढ़ाई महीने में सतना के बेटे ने की थी माउंट एवरेस्ट फतह


Mountaineer Ratnesh Pandey Reached Top Mount Everest
सतना। प्राकृतिक आपदा के चलते माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने से पहले ही अपने घर लौटने वाले सतना के बेटे रत्नेश पाण्डेय ने हार नही मानी। आर्थिक रुप से कमजोर हो चुके रत्नेश ने काफी मुश्किलों का सामना करते हुए एक साल बाद फिर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए निकल पड़े, ढ़ाई महीने बाद आखिर वह घड़ी आई जिसका उन्हे बेसब्री से इंतजार था। 21 मई 2016 को सुबह वह माउंट एवरेस्ट पर पहुंचकर राष्ट्रगान का गायन किया। माउंट एवरेस्ट की सबसे ऊंची चोटी पर अपने देश का राष्ट्रगान सुनाने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति थे। माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले मध्य प्रदेश के पहले पर्वतारोही हैं। रत्नेशन बीबीए ग्रेजुएट हैं। अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स , मनाली में अपना बुनियादी और उन्नत पर्वतारोहण पाठ्यक्रम की पढ़ाई की है। रत्नेश को 2016 में खेल अलंकरण सम्मान मिल चुका है। वहीं अब साहसिक खेलों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पहली बार विक्रम अवार्ड दिया जाएगा।