विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र सिंह की सीट है। वर्ष 2008 में भाजपा के रामखेलावन विधायक बने थे। इस बार भी दोनों के बीच ही मुख्य मुकाबला है। हालांकि विस उपाध्यक्ष को भाजपा से ज्यादा चुनौती कांग्रेसी गुटबाजी से मिलने वाली है। एक ओर भाजपा अपना विधायक बनाना चाहती है, वहीं कांग्रेस के सामने सीट बचाने की चुनौती है।
– कांग्रेस डॉ. राजेंद्र सिंह 48,341
– भाजपा रामखेलावन पटेल 36,602 ये हैं चार मुद्दे
शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, सड़क की बदहाल स्थिति, बेरोजगारी। भाजपा मजबूत दावेदार
– रामखेलावन पटेल – पूर्व विधायक व जातिगत समीकरण
– रत्नाकर चतुर्वेदी – जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष
– दिलीप मिश्रा- पूर्व जिला अध्यक्ष, संगठन में मजबूत।
– कमलेश्वर पटेल- पूर्व जिला पंचायत सदस्य। ये भी ठोक रहे ताल
– छंगे लाल पटेल- बसपा की टिकट पर 2013 में चुनाव लड़ चुके।
– ब्राह्मण, पटेल मतदाता ज्यादा हैं। हरिजन व कोल महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। क्षेत्र का पूरा समीकरण इन जातियों के ईद-गिर्द घूमता है।
– हर वर्ग को अपने पक्ष में करना चुनौती।
– गुटबाजी को खत्म करना। विकास व बेरोजगारी के मुद्दे पर जनता को समझाना। विधायक की परफॉर्मेंस
– स्कूल शिक्षा, स्वास्थ के क्षेत्र में काम हुआ। लेकिन, सड़क, बिजली, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सही नहीं उठाए जा सके।
– राकेश अग्रवाल, रहवासी