यहां के राजनीतिक समीकरण भाजपा अपने पक्ष में करने को लगी है। लिहाजा उपचुनाव में पूरी सरकार मैदान में उतर गई थी। लेकिन, अपनी परम्परागत सीट को कांग्रेस बचाने में सफल रही। युवा नेता के रूप में नीलांशू चतुर्वेदी चुनाव जीतने में कामयाब रहे। एक बार फिर भाजपा के लिए वे चुनौती पेश करने जा रहे हैं।
– भाजपा: शंकर दयाल 52,477
– कांग्रेस: नीलांशू चतुर्वेदी 66,810 ये हैं चार मुद्दे
– मिनी स्मार्ट सिटी, दस्यु समस्या, शिक्षा व बेरोजगारी, क्षेत्रीय विकास भाजपा के मजबूत दावेदार
– शंकर दयाल त्रिपाठी, पूर्व प्रत्याशी
– चन्द्रकमल त्रिपाठी, वरिष्ठ भाजपा नेता
– सुरेंद्र सिंह गहरवार – पूर्व विधायक, क्षेत्र में सक्रिय हैं।
– सुभाष शर्मा डोली- क्षेत्र में अच्छी पकड़, युवा नेता।
– श्रीकृष्ण मिश्रा, वरिष्ठ भाजपा नेता
– डॉ. एचएन सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता
– प्रमोद प्रताप सिंह – पूर्व जनपद अध्यक्ष।
– राजेंद्र गर्ग- ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष ये भी ठोक रहे ताल
– प्रभात सिंह गोंड – बिछियनकांड पीडि़ता, उपचुनाव में निर्दलीय।
– रितेश त्रिपाठी – उपचुनाव में निर्दलीय, आप से दावेदारी।
– निर्दलीय-अवध बिहारी मिश्रा – आम आदमी पार्टी से दावेदारी
ब्राह्मण, गोड़ व कोल, चौधरी, कुशवाहा, यादव मतदाता ज्यादा हैं। राजपूत व पटेल भी प्रभावकारी स्थिति में हैं। जो महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। चुनौतियां
– विकास के मुद्दे पर कांग्रेस को घेराना।
– क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हुए। दिवंगत विधायक प्रेम ङ्क्षसह की सहानुभूति भी नहीं मिलेगी।
विधायक को बहुत कम समय मिला है। लिहाजा क्षेत्र के मुद्दे उठाने तक सिमटे रहे। फिर भी जनता की कसौटी पर कसे जाएंगे। दस्यु समस्या बनी हुई है। शिक्षा, बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। स्थानीय विकास नहीं हुआ।
– दीपक सोनी, सराफा व्यापारी