तमाम विकास के दावों के बीच गत 2013 के चुनाव में भाजपा को हराकर बसपा ने कब्जा जमाया था। विगत 4 पंचवर्षीय से बसपा दूसरे नंबर पर रहती थी, लेकिन जीत नहीं पाती थी। गत चुनाव में बाजी पलटी। अब भाजपा के पास अपनी सीट वापस लेने की चुनौती है। बसपा मजबूती बनाए हुए हैं। पूर्व विधायक धीरेंद्र सिंह धीरू व कांग्रेस के दावेदार राजनीतिक समीकरण बिगाड़ रहे हैं। पूरी लड़ाई भाजपा व बसपा के बीच है। इसको लेकर दोनों दल संगठनात्मक रूप से क्षेत्र में सक्रिय हैं और जनसंपर्क भी जारी है। इस विस में सबसे ज्यादा महिला दावेदार हैं।
– पुष्पराज बागरी 38,501
– ऊषा चौधरी 42,610 भाजपा से ये नाम हैं चर्चा में
– जुगुल किशोर बागरी- पूर्व मंत्री व संगठन में मजबूती
– पुष्पराज बागरी – पूर्व प्रत्याशी
– वंदना बागरी- पूर्व मंत्री की बहू
– राकेश कोरी – कोठी नपा अध्यक्ष
– वीरेंद्र सिंह वीरू – संगठन के पुराने कार्यकर्ता
– रानी बागरी – पूर्व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
– गया बागरी – पूर्व प्रत्याशी व संगठन में मजबूती
– प्रभा बागरी – जिला महिला कांग्रेस महामंत्री, जिपं सदस्य प्रत्याशी
– कल्पना वर्मा -जिपं सदस्य हैं, संगठन में पकड़
– माधव चौधरी – अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ का अध्यक्ष
– बसपा से वर्तमान विधायक ऊषा चौधरी दावेदार होंगी। पूर्व विधायक धीरेंद्र सिंह धीरू भी तैयारी कर रहे। मतदाताओं की स्थिति
– हरिजन, कोरी, बागरी व कुशवाहा मतदाता ज्यादा हैं।
– शिक्षा, स्वास्थ, सड़क, बरगी नहर का पानी, रणमत सिंह की प्रतिमा इस क्षेत्र का विकास न तो भाजपा ने किया, न बसपा प्रभावकारी रही। जातिगत वोट के आधार पर सबकी दावेदारी है।
– रघु सिंह, स्थानीय