उन क्षेत्रों में सांसदों को टिकट देकर भाजपा अपनी बहुमत कायम करना चाहती है। इसलिए पार्टी के बड़े नेताओं ने ऐसा निर्णय लिया है। ऐसा दावा सोशल मीडिया में वायरल हो रहे मैसेजों में किया जा रहा है। हालांकि अगर इस तरह हुआ तो विधानसभा पहुंचने की लालसा पाल रहे उम्मीदवारों के सपनों पर पानी भी फिर सकता है। कई जगह भितरघात की भी संभावना बन सकती है।
किनको कहां से मिल सकता है टिकट
बताया गया कि जिन पांच भाजपा सांसदों को पार्टी के वरिष्ठ नेता विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहते है तो वह इस प्रकार से है। सतना सांसद गणेश सिंह को अमरपाटन, सीधी सांसद रीती पाठक को सिहावल, खजुराहो सांसद नागेंद्र सिंह को नागौद, रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा को सेमरिया एवं राज्य सभा सांसद अजय प्रताप सिंह को चुरहट से विधानसभा का टिकट दिया जा सकता है। अंदर से आ रही खबर के अनुसार इन सभी सांसदों के सिंगल नाम फाइनल हो गए है। 1 नवंबर को इन संभावित प्रत्याशियों की घोषणा हो सकती है। हालांकि इन चर्चाओं को लेकर पार्टी के जिम्मेदार अधिकृत रूप से कुछ नहीं बोल रहे। वहीं खजुराहो सांसद नागेंद्र सिंह नागौद से चुनाव लडऩे को लेकर पार्टी के सामने पहले ही असहमति जता चुके हैं। अब देखना होगा कि अंतिम समय में पार्टी क्या निर्णय लेती है।
बताया गया कि जिन पांच भाजपा सांसदों को पार्टी के वरिष्ठ नेता विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहते है तो वह इस प्रकार से है। सतना सांसद गणेश सिंह को अमरपाटन, सीधी सांसद रीती पाठक को सिहावल, खजुराहो सांसद नागेंद्र सिंह को नागौद, रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा को सेमरिया एवं राज्य सभा सांसद अजय प्रताप सिंह को चुरहट से विधानसभा का टिकट दिया जा सकता है। अंदर से आ रही खबर के अनुसार इन सभी सांसदों के सिंगल नाम फाइनल हो गए है। 1 नवंबर को इन संभावित प्रत्याशियों की घोषणा हो सकती है। हालांकि इन चर्चाओं को लेकर पार्टी के जिम्मेदार अधिकृत रूप से कुछ नहीं बोल रहे। वहीं खजुराहो सांसद नागेंद्र सिंह नागौद से चुनाव लडऩे को लेकर पार्टी के सामने पहले ही असहमति जता चुके हैं। अब देखना होगा कि अंतिम समय में पार्टी क्या निर्णय लेती है।
भाजपा को उठाना पड़ सकता है जोखिम
गौरतलब है कि, जिन सांसदों को विधानसभा चुनाव लडऩे का दावा सोशल मीडिया में किया जा रहा है। उन सांसदों को टिकट देकर भाजपा को जोखिम भी उठाना पड़ सकता है। दरअसल, जहां से सतना सांसद गणेश सिंह विधानसभा चुनाव लड़ रह है। वह सीट अमरपाटन कांग्रेस की परंपरागत सीट है। इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार का विस उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह से सामना होगा। वहीं चुरहट विधानसभा सीट नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह की सुरक्षित सीट है। जबकि नागौद और सिहावल सीट कांग्रेस के कब्जे वाली सीट है। लेकिन सेमरिया सीट रीवा जिला पंचायत अध्यक्ष अभय मिश्रा के कांग्रेस पर चले जाने से उनकी पत्नी नीलम मिश्रा पर भाजपा भरोसा नहीं कर सकती है।
गौरतलब है कि, जिन सांसदों को विधानसभा चुनाव लडऩे का दावा सोशल मीडिया में किया जा रहा है। उन सांसदों को टिकट देकर भाजपा को जोखिम भी उठाना पड़ सकता है। दरअसल, जहां से सतना सांसद गणेश सिंह विधानसभा चुनाव लड़ रह है। वह सीट अमरपाटन कांग्रेस की परंपरागत सीट है। इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार का विस उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह से सामना होगा। वहीं चुरहट विधानसभा सीट नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह की सुरक्षित सीट है। जबकि नागौद और सिहावल सीट कांग्रेस के कब्जे वाली सीट है। लेकिन सेमरिया सीट रीवा जिला पंचायत अध्यक्ष अभय मिश्रा के कांग्रेस पर चले जाने से उनकी पत्नी नीलम मिश्रा पर भाजपा भरोसा नहीं कर सकती है।