52677 मत मिले भाजपा के शंकर दयाल त्रिपाठी को
66810 मत मिले कांग्रेस के निलांशु चतुर्वेदी को
14133 जीत का अंतर
2455 मत मिले नोटा को
यह सबसे बड़े मुद्दे
क्षेत्र के लिए डकैती, रामपथ और मंदाकिनी की सफाई बड़ा मुद्दा है।
वादा तोड़ा तो जनता ने मुंह मोड़ा
राधेलाल और गजराज सिंह कहते हैं कि चित्रकूट वर्ष 1957 से कांग्रेस का गढ़ रहा है। यहां ६० साल में सिर्फ एक बार भाजपा वर्ष 2008 के चुनाव में जीती थी। वह भी शायद रामपथ के वादे के कारण, लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ तो फिर 2013 में हार गई।
विधायक रहे जनता के बीच
इस सीट पर लंबे अर्से से कांग्रेस का कब्जा है। यहां से तीन बार कांग्रेस के प्रेम सिंह विधायक चुने गए। उनके निधन के बाद 2017 में उपचुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस के उम्मीदवार निलांशु चतुर्वेदी जीते। वे क्षेत्र में सक्रिय रहे। जबकि हार के बाद भाजपा प्रत्याशी शंकर दयाल त्रिपाठी की सक्रियता कम रही। भाजपा ने इस बार वर्ष 2008 में प्रेम सिंह को हराकर विधायक बने सुरेंद्र सिंह गहरवार को मैदान में उतारा है। वे क्षेत्र में सक्रिय भी हैं।
66810 मत मिले कांग्रेस के निलांशु चतुर्वेदी को
14133 जीत का अंतर
2455 मत मिले नोटा को
यह सबसे बड़े मुद्दे
क्षेत्र के लिए डकैती, रामपथ और मंदाकिनी की सफाई बड़ा मुद्दा है।
वादा तोड़ा तो जनता ने मुंह मोड़ा
राधेलाल और गजराज सिंह कहते हैं कि चित्रकूट वर्ष 1957 से कांग्रेस का गढ़ रहा है। यहां ६० साल में सिर्फ एक बार भाजपा वर्ष 2008 के चुनाव में जीती थी। वह भी शायद रामपथ के वादे के कारण, लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ तो फिर 2013 में हार गई।
विधायक रहे जनता के बीच
इस सीट पर लंबे अर्से से कांग्रेस का कब्जा है। यहां से तीन बार कांग्रेस के प्रेम सिंह विधायक चुने गए। उनके निधन के बाद 2017 में उपचुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस के उम्मीदवार निलांशु चतुर्वेदी जीते। वे क्षेत्र में सक्रिय रहे। जबकि हार के बाद भाजपा प्रत्याशी शंकर दयाल त्रिपाठी की सक्रियता कम रही। भाजपा ने इस बार वर्ष 2008 में प्रेम सिंह को हराकर विधायक बने सुरेंद्र सिंह गहरवार को मैदान में उतारा है। वे क्षेत्र में सक्रिय भी हैं।