सतना

MP Election 2018: सियासी रण में विलेन के किरदार में बागी, कभी भी कर सकते है अटैक, कहीं आप तो निशाना नहीं

भाजपा-कांग्रेस: दोनों पार्टियों में असंतुष्टों की फौज, सियासी रण में विलेन के किरदार में बागी, मान मनौव्वल में जुटे प्रत्याशी

सतनाNov 09, 2018 / 04:52 pm

suresh mishra

MP Election 2018: siyasi ran me vilen ke kirdar me bagi

सतना। विधानसभा चुनाव का टिकट घोषित होने के साथ ही भाजपा और कांग्रेस में बगावत के सुर उठने लगे हैं। अब तक टिकट की जुगाड़ में लगे दावेदार नहीं मिलने पर बगावत पर उतर आए हैं। इन दिनों वे विलेन के किरदार में दिख रहे हैं। कुछ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र सौंप रहे हैं तो कुछ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में ताल ठोंकने की रणनीति भी बना रहे हैं। इन सबके बीच पार्टी ने जिन प्रत्याशियों पर भरोसा जताया है वे इन असंतुष्टों को मनाने में जुटे हैं।
सतना: किसी के खिलाफ लामबंदी तो किसी के खिलाफ भितरघात
जिले में सतना, चित्रकूट, नागौद, मैहर, रामपुर बाघेलान, रैगांव में टिकट वितरण के साथ ही विरोध के स्वर देखने को मिले। चित्रकूट में भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र ङ्क्षसह गहरवार के खिलाफ सुभाष शर्मा के बगावती सुर सामने आ चुके हैं। सपाक्स ने तो उन्हें प्रत्याशी भी घोषित कर दिया। हालांकि उन्होंने सपाक्स से लडऩे से इंकार किया है। नागौद में भाजपा प्रत्याशी नागेंद्र ङ्क्षसह को भी बगावत झेलनी पड़ रही है। पूर्व जिपं अध्यक्ष गगनेंद्र ङ्क्षसह मैदान में निर्दलीय के रूप में आने के संकेत दे चुके हैं। मैहर में कांग्रेस प्रत्याशी श्रीकांत चतुर्वेदी के खिलाफ भी लामबंदी तेज हो गई। कांग्रेस नेता मनीष पटेल ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए चुनाव लडऩे की बात कही है। सतना में भाजपा व कांग्रेस दोनों में बगावत दिख रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता रामोराम गुप्ता ने सपाक्स का दामन थामते हुए नामांकन दाखिल कर दिया है। कांग्रेस से सिद्धार्थ कुशवाहा को टिकट मिलने के बाद मनीष समर्थकों ने ब्राह्मण का अपमान बताया है। रैगांव में भी भाजपा में विरोध के संकेत मिल रहे हैं। यहां पिता को टिकट मिलने के बाद बेटे पुष्पराज के समर्थक नाराज चल रहे हैं। रामपुर बाघेलान में विक्रम सिंह को टिकट मिलने के बाद भितरघात का खेल शुरू हो चुका है। अमरपाटन में पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अरुण द्विवेदी के बगावत की बात सामने आ रही है।
सीधी: इस्तीफे का दौर शुरू
सीधी विस सीट से भाजपा ने सिटिंग विधायक केदारनाथ शुक्ला को टिकट दिया है। इससे नाराज नगर पालिका अध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने उपेक्षा का आरोप लगाया। उनका कहना है कि पार्टी सिर्फ एक वर्ग को टिकट देती है। उन्होंने नगर पालिका अध्यक्ष के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की है। हालांकि अभी इस्तीफा दिया नहीं है। कांग्रेस में भी इसी तरह की बगावत देखने को मिल रही है। सीधी सीट से टिकट के दावेदार मप्र किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष आनंद मंगल सिंह ने हारने वाले व बाहरी प्रत्याशी को टिकट देने का आरोप लगाते हुए पार्टी से त्यागपत्र सौंप दिया है। धौहनी में कांग्रेस ने कमलेश कुमारी को टिकट दिया तो कई कांग्रेस नेताओं ने सामूहिक तौर पर बैठक लेकर पार्टी के निर्णय का विरोध जताया। पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्यामवती सिंह कांग्रेस से इस्तीफा देकर निर्दलीय प्रत्याशी बतौर चुनाव मैदान में उतर गई हैं। चुरहट व सिहावल में बगावत के सुर सामने नहीं आए हैं।
सिंगरौली: मैदान से बाहर हुए नेताओं में रोष
सिंगरौली विस क्षेत्र में बसपा छोड़कर कांग्रेस में आईं रेनू शाह पर पार्टी ने भरोसा जताते हुए टिकट दिया, पर स्थानीय नेता-कार्यकर्ता साथ देने को तैयार नहीं हैं। पैराशूट प्रत्याशी मानकर रेनू का विरोध हो रहा है। चितरंगी में पूर्व मंत्री जगन्नाथ सिंह की बहू राधा सिंह को टिकट नहीं मिली तो बगावत में उतर आईं। राधा ने पार्टी के अनुसूचित जाति जनजाति महिला मोर्चा के प्रदेश मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया है। देवसर में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में हड़कंप मचा है। भाजपा में राजेंद्र मेश्राम का टिकट कटने से समर्थक रोष में है तो दूसरी ओर बंशमणि वर्मा की बजाय रामभजन और अंत में राजभान की जगह बंशमणि को टिकट दिए जाने पर नाराजगी मची है। आक्रोशित नेताओं के समर्थक भितरघात न करें, भय सभी में हैं।
पन्ना: पवई में बाहरी प्रत्याशी को लेकर बिगुल
गुनौर और पवई सीट से भाजपा-कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। गुनौर में विरोध सामने नहीं आया पर पवई में खुलकर विरोध हो रहा है। पवई के लोग लंबे समय से स्थानीय प्रत्याशी की मांग करते रहे हैं। इसके बाद भी दोनों पार्टियों ने जनता की मांग को तवज्जो नहीं दिया। सोमवार को करीब एक सैकड़ा लोग कांग्रेस जिलाध्यक्ष के पास इस्तीफा सौंपने पहुंच गए। भाजपा में भी बगावती सुर तेज थे। पूर्व जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष संजय नगायच की दावेदारी की उपेक्षा करके पूर्व मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह को टिकट दी थी। हालांकि बृजेंद्र को पन्ना भेज स्थानीय प्रत्याशी प्रहलाद को जगह दी है।

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