अबुझ मुहूर्त के बीच शुभ मुहूर्त
पंडित मोहन द्विवेदी कहते हैं, धनतेरस का दिन शुभ दिन है। इस दिन किसी भी काम की शुरुआत कर सकते हैं। इसके अलावा पंचांग में भी शुभ मुहूर्त देख कर कार्य किए जाते हैं। धनतेरस के अबुझ मुहूर्त के बीच कई शुभ मुहूर्त हैं। दिन के समय दोपहर 1.29 से 5.48 के बीच शुभ मुहूर्त हैं। जिसमें कोई भी काम कर सकते हैं। 2.56 से 4.22 तक लाभ होने के साथ ही वार बेला भी है, जिसमें कुछ उपाय कर ही शुभ कार्य करना चाहिए।
पंडित मोहन द्विवेदी कहते हैं, धनतेरस का दिन शुभ दिन है। इस दिन किसी भी काम की शुरुआत कर सकते हैं। इसके अलावा पंचांग में भी शुभ मुहूर्त देख कर कार्य किए जाते हैं। धनतेरस के अबुझ मुहूर्त के बीच कई शुभ मुहूर्त हैं। दिन के समय दोपहर 1.29 से 5.48 के बीच शुभ मुहूर्त हैं। जिसमें कोई भी काम कर सकते हैं। 2.56 से 4.22 तक लाभ होने के साथ ही वार बेला भी है, जिसमें कुछ उपाय कर ही शुभ कार्य करना चाहिए।
अमृत काल सबसे अच्छा
दोपहर 1.29 से 5.48 तक मुहूर्त शुभ हैं। इसमें 1.29 से 2.56 चरकाल है। इसका प्रभाव आमतौर पर शुभ माना जाता है। शुक्र की चर प्रकृति के कारण, चर चौघडिय़ा को यात्रा उद्देश्य के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। इसके बाद दोपहर 2.56 से 4.22 लाभ से लाभ काल होगा। लाभ चौघडिय़ा को शिक्षा शुरु करने के लिए तथा नया कौशल प्राप्त करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। धनतेरस पर शाम 4.22 से 5.48 अमृत काल है। अमृत चौघडिय़ा को सभी प्रकार के कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है।
दोपहर 1.29 से 5.48 तक मुहूर्त शुभ हैं। इसमें 1.29 से 2.56 चरकाल है। इसका प्रभाव आमतौर पर शुभ माना जाता है। शुक्र की चर प्रकृति के कारण, चर चौघडिय़ा को यात्रा उद्देश्य के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। इसके बाद दोपहर 2.56 से 4.22 लाभ से लाभ काल होगा। लाभ चौघडिय़ा को शिक्षा शुरु करने के लिए तथा नया कौशल प्राप्त करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। धनतेरस पर शाम 4.22 से 5.48 अमृत काल है। अमृत चौघडिय़ा को सभी प्रकार के कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है।
धनतेरस के दिन के शुभ मुहूर्त
– सुबह 6.18 से 7.44 अमृत
– सुबह 7.44 से 9.11 काल
– सुबह 9.11 से 10.37 शुभ
– सुबह 10.37 से 12.03 रोग
– दोपहर 12.03 से 1.29 उद्वेग
– दोपहर 1.29 से 2.56 चर
– दोपहर 2.56 से 4.22 लाभ
– शाम 4.22 से 5.48 अमृत
– सुबह 6.18 से 7.44 अमृत
– सुबह 7.44 से 9.11 काल
– सुबह 9.11 से 10.37 शुभ
– सुबह 10.37 से 12.03 रोग
– दोपहर 12.03 से 1.29 उद्वेग
– दोपहर 1.29 से 2.56 चर
– दोपहर 2.56 से 4.22 लाभ
– शाम 4.22 से 5.48 अमृत