scriptMP News: ‘बैलेट पेपर या ऑनलाइन…कराई जाए वोटिंग’, इस सांसद ने युवाओं के लिए कर दी बड़ी मांग | MP News Voting should be done on ballot paper or online MP ganesh made big demand for youth | Patrika News
सतना

MP News: ‘बैलेट पेपर या ऑनलाइन…कराई जाए वोटिंग’, इस सांसद ने युवाओं के लिए कर दी बड़ी मांग

MP News: मध्यप्रदेश के सतना जिले के सांसद गणेश सिंह ने सदन में युवाओं को लेकर बड़ा मुद्दा उठाया है। उन्होंने युवाओं की वोटिंग बैलेट पेपर या ऑनलाइन कराए जाने की मांग की है।

सतनाAug 08, 2024 / 02:02 pm

Himanshu Singh

ganesh singh
MP News: संसद में सोमवार को शून्यकाल के दौरान मध्यप्रदेश के सतना जिले के सांसद गणेश सिंह ने वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने को लेकर बड़ी मांग कर दी है। उन्होंने सदन में कहा कि वोटिंग परसेंटेज की ओर ध्यान दिलाना चाहता हूं, बड़ी संख्या में 18 से 25 साल के नए वोटर्स अपने गांव-घर से दूर पढ़ाई करने जाते हैं या कई लोग बाहर नौकरी भी करते हैं। जिस वजह से चुनाव के समय वह वोट डालने नहीं पहुंच पाते।

युवाओं के लिए बैलेट पेपर या ऑनलाइन कराई जाए वोटिंग


सतना सांसद ने सदन में युवाओं के लिए मांग करते हुए कहा कि जिस प्रकार केन्द्रीय कर्मचारियों को गृह जिले से बाहर अन्यत्र स्थानों से वोटिंग के लिये बैलट पेपर की व्यवस्था की जाती है, उसी प्रकार यदि इन युवाओं के लिये उसी स्थान में बैलेट पेपर या ऑनलाइन वोटिंग अथवा अन्य उपयुक्त माध्यम से वोटिंग का अधिकार दिलाने की व्यवस्था की जाय, तो निश्चित ही वोट प्रतिशत बढ़ेगा, और युवाओं में चुनाव प्रति उत्साह भी बढ़ेगा।
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उन्होंने आगे कहा कि वोटिंग प्रतिशत कम होने का एक बड़ा कारण यह भी है। क्योंकि चुनाव के समय वापस घर आने में उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि तत्काल टिकट न मिल पाना, पढ़ाई के कारण समय का अभाव, छुट्टी न मिल पाना तथा आवागमन में आर्थिक व्यय की क्षति होती है।

रिचार्ज प्लान को लेकर सदन में रखी थी अपनी बात


सतना सांसद गणेश सिंह ने सदन में मंगलवार को मोबाइल कंपनियों की मनमानी का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि मौजूदा समय पर सतना समेत समूचे देश के लोग मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं। यहां तक कि निजी व सरकारी दस्तावेजों में भी मोबाइल नंबर को दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है।
इसका फायदा निजी टेलीकाम कंपनियां उठा रही हैं। उपभोक्ताओं को आफर देकर कंपनियां सिम तो दे देती हैं लेकिन जब उपभोक्ता नई सिम ले लेता है तो अचानक टैरिफ बढ़ा दिया जाता है। इसका सर्वाधिक दुष्प्रभाव ग्रामीणों पर पड़ रहा है। कई बार वे महंगी कालिंग दरों के कारण मोबाइल रिचार्ज नहीं करा पाते और कंपनी उनकी सिम बंद कर उस नंबर को दूसरे को अलाट कर देती है।

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