ईमेल के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराए ऐसा ही फैसला प्रथम व द्वितीय अपील के दौरान भी आया। लेकिन, जब ये मामला राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के पास पहुंचा तो उन्होंने सभी पक्षों को सुनने के बाद जानकारी देने का आदेश दिया। राज्य सूचना आयुक्त ने आदेश में कहा कि इस प्रकरण में एक व्यक्ति विशेष के निजी हित पर न्याय हित का पलड़ा ज्यादा भारी दिख रहा है। लोक सूचना अधिकारी ने धारा 8-1-जे के मूल रूप के एक अंश को ले लिया, परन्तु उसके पूर्ण रूप और सूचना के अधिकार कानून की आत्मा को नजरअंदाज कर दिया। लिहाजा आवेदनकर्ता को संस्था 48 घंटे के अंदर ईमेल के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराए।
दो साल पुराना मामला
सतना की छात्रा ने नवंबर 2017 में मंडला के थाना कोतवाली में संतोष झारिया नामक पुलिसकर्मी के खिलाफ दुराचार का प्रकरण दर्ज कराया था। आरोप था कि संतोष ने शादी का झांसा देकर 5 महीने तक शारीरिक शोषण किया। इसके बाद किसी और से शादी कर ली। पीडि़ता के अनुसार संतोष से शादी की बात परिजनों की उपस्थिति में तय हुई थी। पीडि़ता ने अपने आरोप पत्र में कहा था कि संतोष ने उसको मंडला बस स्टैंड बुलाया और उसके बाद उसको पुलिस लाइन के पीछे जवाहर वार्ड मंडला के एक कमरे में ले गया और जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। उसके बाद वो सतना भी आया और शारीरिक शोषण किया।
सतना की छात्रा ने नवंबर 2017 में मंडला के थाना कोतवाली में संतोष झारिया नामक पुलिसकर्मी के खिलाफ दुराचार का प्रकरण दर्ज कराया था। आरोप था कि संतोष ने शादी का झांसा देकर 5 महीने तक शारीरिक शोषण किया। इसके बाद किसी और से शादी कर ली। पीडि़ता के अनुसार संतोष से शादी की बात परिजनों की उपस्थिति में तय हुई थी। पीडि़ता ने अपने आरोप पत्र में कहा था कि संतोष ने उसको मंडला बस स्टैंड बुलाया और उसके बाद उसको पुलिस लाइन के पीछे जवाहर वार्ड मंडला के एक कमरे में ले गया और जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। उसके बाद वो सतना भी आया और शारीरिक शोषण किया।
हुई थी विभागीय जांच
जब थाने में प्रकरण दर्ज हो गया तो एसपी ने पुलिसकर्मी संतोष को लाइन अटैच कर दिया। साथ ही उसके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई थी। संतोष का कहना है कि रिश्ते की बात चली थी, लेकिन बाद में मामला टल गया। साथ ही मेरी शादी दूसरी जगह हो गई, जिससे लड़की ने झूठे आरोप लगाए और मुझे फंसा दिया। आरटीआई से तथ्य सामने आने के बाद सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा।
जब थाने में प्रकरण दर्ज हो गया तो एसपी ने पुलिसकर्मी संतोष को लाइन अटैच कर दिया। साथ ही उसके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई थी। संतोष का कहना है कि रिश्ते की बात चली थी, लेकिन बाद में मामला टल गया। साथ ही मेरी शादी दूसरी जगह हो गई, जिससे लड़की ने झूठे आरोप लगाए और मुझे फंसा दिया। आरटीआई से तथ्य सामने आने के बाद सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा।
जान से मारने की धमकी
पीडि़ता ने थाने में दी शिकायत में कहा था कि शारीरिक शोषण करने के बाद संतोष ने जान से मारने की धमकी दी थी। इसके चलते वो डर गई थी और बात पहले सामने नहीं ला पाई थी।
पीडि़ता ने थाने में दी शिकायत में कहा था कि शारीरिक शोषण करने के बाद संतोष ने जान से मारने की धमकी दी थी। इसके चलते वो डर गई थी और बात पहले सामने नहीं ला पाई थी।