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Mudda kya Hai: जब तक सतना नहीं बनेगा संभाग, तब तक नहीं होगा समुचित विकास

locationसतनाPublished: Mar 19, 2019 02:34:13 pm

Submitted by:

suresh mishra

‘मुद्दा क्या है’ में खुलकर बोले कानून के जानकार, संभाग बनने पर ही सतना का होगा समुचित विकास

Mudda kya Hai: satna me uthi sambhag banane ki mang

Mudda kya Hai: satna me uthi sambhag banane ki mang

सतना। देश के प्रमुख दोनों दल सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। इनको शहर विकास से कोई मतलब नहीं है। कोई एयर स्ट्राइक के नाम पर गुमराह कर रहा तो कोई राफाल के मामले में मतदाताओं को भ्रमित कर रहा। नेता आमजन का विकास करना ही नहीं चाहते। लेकिन, अब सतना की जनता जागरूक हो रही है। सब अपना हक मांगना जानते है। इस लोकसभा चुनाव में संभाग बनाने का मुद्दा सबसे ज्यादा हावी रहेगा। दोनों दल चुनावी भाषण में मैहर को जिला बनाने का आश्वासन दे चुके हैं लेकिन बना अब तक नहीं है।
अगर चित्रकूट की बात करें तो उत्तर प्रदेश के हिस्से से भगवान राम की कर्मस्थली को जिला बनाकर सम्मान मिल चुका है। पर, मध्यप्रदेश के नेता अभी तक चित्रकूट का नाम नहीं दिला पाए है। अगर जिला बन गया तो एमपी वाले चित्रकूट का विकास होगा। राज्य सरकारें भी ध्यान देंगी। इसलिए पन्ना को शामिल कर संभाग बनाया जा सकता है। कुछ ऐसी ही राय ‘मुद्दा क्या है’ में जिला न्यायालय स्थित अधिवक्ताओं और आमजन ने रखी।
कागजों में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृत मिल गई है। अभी कार्य नहीं चालू हुआ है। कार्य जल्द चालू हो इस पर कोई नेता प्रयास नहीं कर रहा।
राजीव खरे

शहर विकास के नाम पर नेता सिर्फ गुमराह कर रहे हैं। भाजपा कहती है कि हमने विकास की गंगा बहा दिया। कांग्रेस कह रही कि हम तो विकास करने ही वाले थे लेकिन आचार संहिता लग गई।
विनय उरमलिया
जिले का समुचित विकास तभी होगा जब सतना संभाग बनेगा। संभाग बनने के बाद सभी संभागीय कार्यालय यहीं पर लगेंगे। बड़े-बड़े अधिकारी बैठेंगे।
सुनील श्रीवास्तव

सतना शायद मध्यप्रदेश और देश का सबसे प्रदूषित शहर होगा। यहां विकास तो कहीं दिखता नहीं। सिर्फ धूल-डस्ट का विकास हुआ है।
विजय सिंह
शहर से गांव तक जलसंकट की आहट शुरू हो गई है। नगर निगम के पास कोई प्लान ही नहीं है। भाषण में बोलने के लिए पाइपलाइन बिछवा दिए हैं। पानी की सप्लाई सभी जगह नहीं होती है।
राजकुमार बजाज
फ्लाइओवर और शहर के अंदर की जर्जर सड़कों के कारण न घर में सुख चैन है न ऑफिस में और न ही रास्ते में। जिधर देखो धूल और धुआं है।
राजेश मिश्रा

गुंडों बदमाशों के अंदर पुलिस के नाम का कोई खौफ नहीं है। हर गली में अपराधी तैयार हो रहे हैं। पुलिस जिला बदर करती भी है तो चेहरा देखकर। जिसपर चार मुकदमे हैं उनको जिला बदर किया जाता है जिन पर 40 मामले दर्ज हैं उनको संरक्षण मिला है।
धर्मेंद्र सिंह
नए एसपी के सामने सबसे पहले लॉ एंड आर्डर सुधारना सबसे बड़ी चुनौती है। युवा अफसर आगे आएं। शहरी थाना क्षेत्रों में नौजवान थाना प्रभारी बनाए जाएं जो भाग दौड़ कर सकें। 45 के ऊपर वाले अधिकारियों को ये जिम्मेदारी न दी जाए।
शानू सिंह
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