तकनीकी शाखा का निरीक्षण करते हुए निगमायुक्त ने सबसे पहले इइ नागेंद्र सिंह के कक्ष में प्रवेश किया। उन्होंने सिंह से निगम की टेंडर प्रक्रिया कैसे होती है इसकी पूरी जानकारी ली। इसके बाद ऑपरेटर को मौके पर बुलाकर ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया कैसी संपन्न होती है उसका प्रैक्टिकल कराया और उसमें सुधार के निर्देश दिए। इसके बाद वे उपयंत्री मुकेश चतुर्वेदी के कक्ष में पहुंचे और उनके पद और कार्य की जानकारी ली। उन्होंने उपयंत्री से ऑनलाइन नक्शा पास कराने की पूरी प्रक्रिया पूछी और कई सवाल किए। जिनका जवाब उपयंत्री नहीं दे सके। निगमायुक्त ने स्वास्थ्य शाखा, पीएचइ शाखा, विद्युत, लेखा तथा स्थापना शाखा का भी निरीक्षण किया।
नवागत निगमायुक्त ने संपत्तिकर शाखा का निरीक्षण करते हुए शाखा प्रमुख से टैक्स वसूली की जानकारी ली। उप राजस्व निरीक्षक दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल 4.75 करोड़ की राजस्व वसूली हुई है जबकि 13 करोड़ रुपए बकाया है। इस पर निगमायुक्त ने कहा कि इतने में काम नहीं चलेगा। मुझे 100 फीसदी राजस्व वसूली चाहिए। प्रतिदिन वसूली करो और शाम को मुझे वसूली से अवगत कराओ। उन्होंने स्मार्ट सिटी शाखा का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों से स्मार्ट सिटी की प्रगति की समीक्षा की और स्मार्ट सिटी में कितना एरिया ग्रीन वेल्ट के लिए आरक्षित किया गया है, इसकी जानकारी लेते हुए स्मार्ट सिटी की प्रोजक्ट फाइल का भी अवलोकन किया।
निगमायुक्त ने तीन बजे अपने चेम्बर से निकलकर कार्यालय का निरीक्षण शुरू किया। सबसे पहले वे आवक-जावक शाखा पहुंचे। वहां पर पंजी रजिस्टर का निरीक्षण कर कर्मचारी को नए सिरे पंजी रजिस्टर तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कर्मचारियों से पूछा कि प्रतिदिन कितनी शिकायतें आती हैं। निगमायुक्त ने शाखा प्रभारी को जनप्रतिनिधि पार्षद, सांसद एवं विधायकों से मिलने वाले पत्रों के लिए अलग-अलग पंजी रजिस्टर तैयार करने के निर्देश दिए।