पुलिस के अनुसार हत्या, लूट समेत कई संगीन मामलों में वांछित झखौरा निवासी 45 वर्षीय रामकलेश मिश्रा पुत्र कामता प्रसाद मिश्रा की उसके ही एक साथी ने हत्या की थी। वैसे पुलिस को रामकलेश की पिछले आठ साल से तलाश रही। अब उसकी लाश ही पुलिस को मिली है।
बताया जा रहा है कि 29 मार्च की सुबह पियरा-कठारा रोड के पास रामकलेश का शव मिला था, जिसका पोस्टमार्टम कराने पर सिर के पीछे गोली लगने की बात सामने आई, तब धारा 302 का अपराध दर्ज कर जांच शुरू की गई। मौके पर मिले मृतक के मोबाइल की कॉल डिटेल और टॉवर लोकेशन के आधार पर झखौरा गांव के ही शुभम विश्वकर्मा पुत्र हीरालाल विश्वकर्मा (20 वर्ष) को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो आरोपी ने जुर्म स्वीकार करते हुए अपने साथियों धीरेंद्र बुनकर पुत्र सौखीलाल 20 वर्ष और नीरज बुनकर पुत्र राजाराम 25 वर्ष के नाम का खुलासा किया। इस पर उन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पास से पुलिस ने कट्टा, बाइक व तीन मोबाइल बरामद कर लिए।
एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि आदतन बदमाश रामकलेश यूपी में फरारी काट रहा था और चोरी-छिपे गांव आता-जाता था। इसी बीच करीब एक माह पूर्व सेलौरा निवासी मुनेश यादव को अगवा कर मार डालने के बाद डकैत गौरी यादव के नाम की चिट्ठी भेजकर फिरौती वसूलने का प्लान बनाया और अपने मंसूबे को अंजाम देने के लिए गांव के ही शुभम विश्वकर्मा, नीरज बुनकर और धीरेंद्र के साथ गैंग बना लिया। योजना के तहत तीनों को मुनेश से दोस्ती करने के काम पर लगा दिया, जिसके तहत युवकों ने उसके साथ शराब और गांजा की महफिलें जमाना शुरू कर दिया। होली के दो दिन पूर्व भी आरोपियों ने उसके साथ शराबखोरी की।
इसी के तहत 28 मार्च को शुभम अपने दोस्त नीरज की बाइक लेकर पिंडरा गया, जहां पेट्रोल पंप के पास रामकलेश मिला, जिसने वारदात का प्लान समझाया कि होली के दिन शराब पार्टी के बहाने मुनेश को गांव से बाहर लाना है। उसने युवक को 315 बोर का लोडेड कट्टा भी दिया। इसके बाद दोनों बाइक से पियरा-कठारा रोड पहुंचे और बाइक को सड़क किनारे खड़ी कर छोटेलाल कुशवाहा के खेत की तरफ चले गए। सब कुछ तय होने के बाद ऐन वक्त पर शुभम को अपने और परिवार की चिंता सताने लगी, लेकिन हिस्ट्री-शीटर के डर से मना भी नहीं कर पा रहा था। ऐसे में आरोपी ने बातों में उलझाकर पीछे से रामकलेश को गोली मार दी और गांव जाकर साथियों को घटना से अवगत करा दिया, तब धीरेंद्र उर्फ धीरू ने उससे कट्टा लिया और नीरज के साथ अपनी अहरी चला गया, जहां पत्थर के नीचे मिट्टी में गाड़ दिया।