लोकायुक्त डीएसपी राजेश खेड़े ने बताया, नायब तहसीलदार रविशंकर शुक्ला द्वारा बृज बिहारी प्रजापति के ट्रैक्टर-ट्राली को रेत से भरे हुए पकड़ा गया था। जिसे छोडऩे के एवज में प्रभारी तहसीलदार रविशंकर शुक्ला ने 40 हजार रुपए की मांग की थी। जिसको लेकर फरियादी बृजबिहारी प्रजापति ने लोकायुक्त एसपी कार्यालय में शिकायत की। लोकायुक्त एसपी सागर के निर्देशन में पहले रिश्वत की मांग को लेकर तहसीलदार की रिकॉर्डिंग कराई गई। इसके बाद मामला सही पाए जाने पर ट्रैप कार्रवाई की योजना तैयार कर समय व दिन नियत किया गया।
योजना के अनुसार फरियादी बृजबिहारी प्रजापति रिश्वत की राशि में से 25 रुपए देने के लिए सुबह करीब 10 बजे प्रभारी तहसीलदार रविशंकर शुक्ला के शासकीय आवास पहुंचे। प्रभारी तहसीलदार के कहने पर रिश्वत की नकद राशि वहां उपस्थित चौकीदार देवीदीन दहायत को सौंप दी। इसी बीच लोकायुक्त पुलिस की टीम ने प्रभारी तहसीलदार रविशंकर शुक्ला एवं चौकीदार देवीदीन दहायत को रिश्वत की राशि के साथ रंगे हाथ दबोंच लिया। इसके बाद आंगे की कार्रवाई के लिए दोनों लोगों को गुनौर थाने लाया गया। लोकायुक्त डीएसपी खेड़े के अनुसार हाथ धुलवाने पर दोनों लोगों के हाथ रंग गए थे। लोकायुक्त की कार्रवाई दिनभर चली। बाद में दोनों लोगों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर जमानत दे दी गई है।