जनता को मिल रही सिर्फ तारीख खाईं में तब्दील हो चुकी सड़कों की मरम्मत कराने रहवासी व व्यापारी जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं पर उन्हें हर बार मरम्मत की तारीख ही मिली है। सड़क मरम्मत को लेकर न प्रशासन गंभीर है और न शहर के जनप्रतिनिधि। पार्टी पदाधिकारी भी जर्जर सड़कों के नाम पर सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। इसका अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि सड़कों की मरम्मत को लेकर सांसद से लेकर विधायक तक सभी अधिकारियों की क्लास ले चुके हैं पर मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हो पा रहा।
व्यापारी बोले-जवाब देने लगा है धैर्य धूल एवं गड्ढों से परेशान रहवासियों का धैर्य अब प्रशासन की कार्यशैली को लेकर जवाब देेने लगा है। रीवा रोड पर दुकान संचालित कर रहे संतोष गुप्ता ने सड़क मरम्मत के सवाल पर खीझते हुए कहा कि अधिकारी एक नंबर के भ्रष्ट हैं। नेताओं को शहर से कुछ लेना-देना नहीं, क्योंकि धूल एवं खराब सड़कों से जनता परेशान हो रही है। नेता बंद गाडि़यों में फुर्र से निकल जाते हैं, इसलिए उन्हें जनता की पीड़ा का अहसास नहीं हो रहा। सड़क किनारे ठेला लगाने वाले राजू कुशवाहा ने कहा कि इस शहर का कुछ नहीं हो सकता। नेताओं ने 15 साल में शहर का कवाड़ा कर दिया।
माधवगढ़ पुल पर जानलेवा गड्ढे जिला प्रशासन के अधिकारियों की जिम्मेदारी कार्यालय में बैठकर कार्ययोजना बनाने एवं भ्रमण करने तक सिमट कर रह गई है। शहर के मध्य से गुजरा राष्ट्रीय राजमार्ग चलने लायक नहीं बचा। इसके बावजूद इसकी मरम्मत के लिए अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे। जनता के धरना प्रदर्शन के बाद कलेक्टर ने सड़क मरम्मत के नाम पर सड़क पर डस्ट डलवा दी। माधवगढ़ स्थित टमस नदी पर बने पुल पर भी गड्ढे हो गए हैं। बीच पुल पर खुदे जानलेवा गड्ढे एवं बाहर निकली सरिया हर समय हादसे को आमंत्रण दे रही है।